जरूरतमंदों के लिए नई उम्मीद बनी ‘अन फीडिंग वर्ल्ड’ की फ्री सहायता योजना

वाराणसी: उत्तर प्रदेश समेत देश के विभिन्न राज्यों में आर्थिक रूप से कमजोर और जरूरतमंद परिवारों को राहत देने के उद्देश्य से ‘अनफीडिंग वर्ल्ड’ की एक अभिनव योजना शुरू की गई है. यह योजना भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत लाई गई है और इसका मकसद है – लोगों को बिना ब्याज के ऋण और नगद सहायता देना, वो भी बिना किसी शुल्क या दस्तावेजी औपचारिकता के.
2.40 लाख रुपये की सहायता – बिना शुल्क, बिना दस्तावेज
इस योजना की सबसे खास बात यह है कि घर के निर्माण के लिए पात्र गरीब लाभार्थियों को ₹2.40 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी. यह पूरी सहायता बिना किसी अग्रिम भुगतान, शुल्क या कागजी कार्यवाही के उपलब्ध होगी. इसे अब तक की दुनिया की पहली पूर्णत: निःशुल्क योजना के रूप में पेश किया गया है.
अंतर्राज्यीय बैंकिंग मॉडल और जीरो डिपॉजिट आरडी अकाउंट
योजना के तहत जीरो डिपॉजिट आरडी अकाउंट खोले जाएंगे. इसके माध्यम से लाभार्थियों को चिकित्सा, शिक्षा, रोजगार और प्रशिक्षण जैसी बुनियादी जरूरतों के लिए आर्थिक सहायता और ब्याजमुक्त ऋण दिया जाएगा. यह योजना हाल ही में लखनऊ में एक केंद्रीय मंत्री की उपस्थिति में शुरू की गई. योजना को धरातल पर उतारने के लिए उत्तर प्रदेश के सभी विकास खंडों में आउटसोर्सिंग एजेंसियों की नियुक्ति की जा रही है.
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लोन ऑफिसरों की नियुक्ति और भुगतान व्यवस्था
पहले चरण में प्रत्येक ब्लॉक में 200 लोन ऑफिसर नियुक्त होंगे.
ये अधिकारी 250 लाभार्थियों का चयन कर उनके नाम से ऋण खाते खोलेंगे. लोन ऑफिसरों को ₹22,000 प्रति माह वेतन, जबकि प्रत्येक सफल ऋण पर एजेंसी को ₹2,000, यूनियन को ₹1,000 दिए जाएंगे.
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मॉनिटरिंग और पारदर्शिता
इस योजना की निगरानी बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट और आउटसोर्सिंग एजेंसियों द्वारा की जाएगी. साथ ही, केंद्र और राज्य सरकारें समय-समय पर इसका निरीक्षण करेंगी. यह योजना पूरी तरह निःशुल्क और पारदर्शी है. किसी भी प्रकार का शुल्क लेना कानूनन अपराध माना जाएगा.

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