वाराणसी : इस साल पहली बार ऐसा हुआ है कि एक ही सीजन में गंगा नदी ने दो बार बाढ़ ने दस्तक दी है.लगातार तीसरे दिन गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. पिछले 24 घंटे में जलस्तर में 1.99 मीटर की बढ़त हुई है. इसके चलते निचले इलाकों से पलायन भी शुरू हो गया है. अब तक 32 परिवारों के 133 लोग अपने घर छोड़ने पर मजबूर हो चुके हैं.दो मोहल्लों और एक तहसील में बाढ़ का प्रभाव सबसे ज्यादा दिख रहा है.
गंगा का जलस्तर: चेतावनी बिंदु पार
बुधवार सुबह 10 बजे गंगा का जलस्तर 70.42 मीटर पर पहुंच गया, जो चेतावनी बिंदु से 16 सेंटीमीटर ऊपर है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, मंगलवार को सुबह 8 बजे जलस्तर 68.94 मीटर था और यह हर घंटे औसतन 6 से 9 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ता रहा. सोमवार रात 9 बजे गंगा का जलस्तर 67.86 मीटर था, जिससे साफ है कि जलस्तर में तेज़ वृद्धि हो रही है. नदी विज्ञानियों के अनुसार, यह स्थिति गंगा बैराज (कानपुर) से छोड़े गए 3.77 लाख क्यूसेक पानी के कारण बनी है, जिसका असर 48 घंटे में बनारस तक पहुंच चुका है.
घाटों और मंदिरों पर पानी का असर
अस्सी घाट पर स्थित 'सुबह-ए-बनारस' मंच फिर से डूब गया है.
मणिकर्णिका घाट की गलियों में बाढ़ का पानी घुस चुका है.
दशाश्वमेध घाट की जल पुलिस चौकी और शीतला मंदिर का गर्भगृह जलमग्न हो चुके हैं. अस्सी से राजघाट के बीच 3000 से अधिक मंदिरों में पानी भर गया है.
विशेषज्ञों की राय
नदी विज्ञानी प्रो. बी.डी. त्रिपाठी के अनुसार, यह इतिहास में पहली बार है जब बनारस में एक ही मानसून में दो बार बाढ़ आई है.यह जलवायु परिवर्तन और नदी व्यवस्था के लिए गंभीर संकेत है.
तटवर्ती इलाकों में बढ़ी चिंता
नगवां, संगमपुरी कॉलोनी, गंगोत्री विहार, हरिजन बस्ती, सोनकर बस्ती, महेश नगर और केदार नगर जैसे इलाकों में बाढ़ का डर फिर से मंडराने लगा है. रमना टिकरी इलाके में किसान खेत डूबने की चिंता में हैं. ज्ञान प्रवाह नाले पर स्लीपर गेट बंद कर दिया गया है और समरसेबल पंप से जल निकासी शुरू की गई है.
प्रशासन की तैयारी और राहत शिविरों का निरीक्षण
जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने मंगलवार को सरैया और सलारपुर स्थित बाढ़ राहत शिविरों का निरीक्षण किया. क्षेत्रीय पार्षद और नायब तहसीलदार से बाढ़ की जानकारी ली. नगर निगम अधिकारियों को राहत शिविरों और शौचालयों की सफाई सुनिश्चित करने को कहा. जलभराव वाले इलाकों में एंटी-लार्वा छिड़काव और फॉगिंग के निर्देश दिए. बच्चों के पठन-पाठन की भी व्यवस्था देखी.