वाराणसी : मीरजापुर जिले के जिगना क्षेत्र अंतर्गत गोनौरा गांव स्थित हनुमान मंदिर परिसर में मंगलवार को एक भव्य कुश्ती दंगल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. "जय हनुमान रामलीला एवं दंगल समिति" द्वारा आयोजित इस पारंपरिक आयोजन में पूर्वांचल के कई जिलों से आए नामी-गिरामी पहलवानों ने अपनी कुश्ती कला का प्रदर्शन कर दर्शकों का दिल जीत लिया. मुख्य कुश्ती बनारस के बबलू पहलवान और अयोध्या के ताकतवर परमिन्दर पहलवान के बीच रहा जिसमें बबलू ने अपना परचम फहराया.
ढाक दांव से चित्त कर जीता मुकाबला
इस दंगल का सबसे रोमांचक मुकाबला वाराणसी के मशहूर बबलू पहलवान और अयोध्या के ताकतवर परमिन्दर पहलवान के बीच हुआ. दोनों पहलवानों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली, लेकिन बबलू ने अपने अनुभव और फुर्ती का प्रदर्शन करते हुए ‘ढाक दांव’ का इस्तेमाल कर परमिन्दर को चित्त कर दिया. इस शानदार जीत के साथ ही बबलू पहलवान चैंपियन घोषित किए गए.
पहलवान की जीत से गूंजा मैदान
दंगल में सोनभद्र के चर्चित टमाटर पहलवान ने भी जोरदार प्रदर्शन किया. उन्होंने चंदौली के मनोज पहलवान को पटखनी देकर मुकाबला जीता . टमाटर पहलवान की कुश्ती के दौरान दर्शकों ने खूब तालियां बजाईं और उनके हर दांव पर उत्साह दिखाया.
पूर्वांचल के कई जिलों से जुटे पहलवान
इस दंगल प्रतियोगिता में सिर्फ बबलू और टमाटर पहलवान ही नहीं, बल्कि गाजीपुर, जौनपुर, प्रयागराज, भदोही और सोनभद्र सहित कई जिलों से करीब दो दर्जन से अधिक पहलवानों ने हिस्सा लिया. सभी पहलवानों ने अपनी-अपनी कुश्ती तकनीक और दमखम से दर्शकों को रोमांचित किया. इस मौके पर स्थानीय पहलवानों ने भी अपने हुनर का प्रदर्शन किया और पारंपरिक पहलवानी के गौरव को जीवंत किया.
रेफरी और आयोजकों ने निभाई जिम्मेदारी
दंगल में कुश्ती मुकाबलों की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए राम सिंह और पृथ्वी राज सिंह ने रेफरी की भूमिका निभाई. दोनों ने अनुभवपूर्वक मुकाबलों का संचालन किया और समय-समय पर निर्णय लेकर प्रतियोगिता को सफल बनाया.
उत्सव जैसा माहौल, बड़ी संख्या में जुटे दर्शक
हनुमान मंदिर परिसर में आयोजित इस दंगल में ग्रामीणों समेत आस-पास के कई क्षेत्रों से हजारों दर्शक पहुंचे. पूरे वातावरण में उत्सव जैसा माहौल रहा. हर कुश्ती मुकाबले पर दर्शकों की तालियां और जयकारों से माहौल गूंजता रहा.
नेताओं की उपस्थिति ने बढ़ाया आयोजन का गौरव
कार्यक्रम की अध्यक्षता जितेंद्र प्रताप सिंह उर्फ पूच्चु सिंह ने की, जबकि संचालन विजय पांडेय और राजू सिंह द्वारा किया गया. इस अवसर पर भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष स्वामीनाथ सिंह, रावेंद्र उर्फ रामू सिंह और रमेश उर्फ शिंपू सिंह जैसे कई गणमान्य अतिथि भी मौजूद रहे.
यह दंगल प्रतियोगिता न सिर्फ पारंपरिक कुश्ती खेल को बढ़ावा देने वाला एक सफल आयोजन रहा, बल्कि इसने ग्रामीण क्षेत्र में खेल भावना को भी मजबूती प्रदान की। दर्शकों और प्रतिभागियों के उत्साह ने यह सिद्ध कर दिया कि भारतीय पहलवानी आज भी ग्रामीण भारत की आत्मा में बसती है.