वाराणसी: काशी विश्वनाथ धाम तक श्रद्धालुओं की पहुंच को आसान बनाने और यातायात को सुगम करने के लिए सरकार ने वाराणसी के ऐतिहासिक दालमंडी इलाके के कायाकल्प की बड़ी योजना को मंजूरी दे दी है. इस परियोजना के तहत लगभग 215 करोड़ रुपये की लागत से 650 मीटर लंबी सड़क को 17.5 मीटर चौड़ा किया जाएगा. यह नई सड़क चौक थाना से होकर सीधे विश्वनाथ धाम तक जाएगी, जिससे श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को भारी राहत मिलने की उम्मीद है.
184 मकानों का अधिग्रहण सबसे बड़ी चुनौती
इस महत्वाकांक्षी परियोजना के रास्ते में कुल 184 मकान आ रहे हैं, जिन्हें अधिग्रहित कर तोड़ा जाएगा. दूसरी ओर मकान मालिकों को मुआवजा देने की प्रक्रिया प्रशासन के लिए किसी कठिन परीक्षा से कम नहीं है. राजस्व विभाग, नगर निगम और पीडब्ल्यूडी की संयुक्त टीम ने सर्वे में पाया कि इन संपत्तियों के मालिकाना हक के कागजात स्पष्ट नहीं हैं. कई जगह जमीन ‘आबादी’ के रूप में दर्ज है. कुछ संपत्तियां एनजेड (गैर-जमीनदारी उन्मूलन) श्रेणी में आती हैं. वहीं, कुछ ही संपत्तियों पर मालिकाना हक का स्पष्ट रिकॉर्ड मौजूद है .इन जटिलताओं के चलते प्रशासन यह तय करने में उलझा है कि असली मुआवजे का हकदार कौन होगा.
‘शत्रु संपत्ति’ ने बढ़ाई कानूनी उलझन
इस योजना में सबसे पेचीदा मसला है उन पांच मकानों का, जो नगर निगम के रिकॉर्ड में ‘शत्रु संपत्ति’ के रूप में दर्ज हैं. शत्रु संपत्ति वे संपत्तियां होती हैं जो भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद पाकिस्तान गए लोगों की थीं और बाद में सरकार के अधिग्रहण में आ गईं.
अब सवाल यह है कि इन मकानों पर वर्षों से रह रहे लोगों को मुआवजा किस आधार पर और किस हद तक दिया जाए. यह कानूनी समस्या परियोजना की रफ्तार धीमी कर सकती है. फिलहाल पीडब्ल्यूडी ने इस पर अंतिम निर्णय के लिए संबंधित विभागों से रिपोर्ट मांगी है.
बरसात बाद शुरू होगी मुआवजा और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई
शासन ने सड़क निर्माण, नाली व सीवर शिफ्टिंग, बिजली लाइनों के स्थानांतरण और मकानों के मुआवजे के लिए 215 करोड़ रुपये का बजट जारी कर दिया है. टेंडर की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है. अधिकारियों के अनुसार मानसून के बाद मुआवजा वितरण की प्रक्रिया शुरू होगी और उसके बाद अधिगृहित मकानों का ध्वस्तीकरण किया जाएगा.
परियोजना से होने वाले लाभ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस परियोजना को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए हैं. सड़क चौड़ी होने से —
1 . दालमंडी क्षेत्र का जाम खत्म होगा.
2 . मैदागिन, गोदौलिया और चौक जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में यातायात का दबाव कम होगा.
3 . श्रद्धालुओं को विश्वनाथ धाम तक पहुंचने में काफी आसानी होगी.
4 . वाराणसी के बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी और इसे विश्वस्तरीय आध्यात्मिक केंद्र के रूप में विकसित करने में मदद मिलेगी.
प्रशासन की संवेदनशील परीक्षा
हालांकि, इस महत्वाकांक्षी योजना के साथ प्रशासन के सामने सबसे संवेदनशील मुद्दा है 184 परिवारों का उचित मुआवजा और पुनर्वास है . यदि इसे सही तरीके से और पारदर्शिता के साथ नहीं निपटाया गया, तो विवाद और असंतोष की स्थिति बन सकती है.