
वाराणसी - कथित वोट चोरी के खिलाफ कांग्रेस के प्रस्तावित मतदाता अधिकार सम्मेलन को लेकर शनिवार को पुलिस प्रशासन और कांग्रेसी आमने सामने हो गए. दरअसल, 27 सितंबर को पराडकर भवन में कांग्रेस का मतदाता अधिकार सम्मेलन होना था. इस आयोजन के शुरू होने से ठीक एक दिन पहले शुक्रवार देर शाम पराड़कर स्मृति भवन की ओर से तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए बुकिंग रद्द कर दी गई. यह सम्मेलन दोपहर 1:30 बजे से होना था जिसमें कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत, सुनिल सहस्रबुद्धे और पीयूसीएल के महासचिव के शामिल होने की घोषणा की गई थी.

इस बीच शनिवार की दोपहर बडी संख्या में जिला और महानगर कांग्रेस पदाधिकारी व कार्यकर्ता पराड़कर भवन पहुंचे तो वहां ताला बंद मिला. पुलिस भी सम्मेलन रोकने के लिए मौजूद थी. इस दौरान कांग्रेसियों व पुलिस में नोकझोंक हुई. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि प्रशासनिक दबाव के चलते सम्मेलन में बाधा पहुंचाने के लिए निर्णय लिया गया है. कांग्रेस महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने आरोप लगाते हुए कहा— वहां 10 दिन पहले ही पैसा जमा कर बुकिंग कराई गई थी. लेकिन अब प्रशासनिक दबाव में इसे कैंसिल कर दिया गया. हमारा सम्मेलन हर हाल में होगा. कांग्रेस नेताओं ने घोषणा की कि अब यह कार्यक्रम 27 सितंबर को ही मैदागिन स्थित कांग्रेस कार्यालय में आयोजित किया जाएगा. वहीं, पूरे मामले पर काशी पत्रकार संघ के अध्यक्ष अरुण मिश्र ने कहा कि बुकिंग रद्द करने का कारण पूरी तरह तकनीकी है और इसमें किसी दबाव की बात सही नहीं है.




