वाराणसी - राज्य महिला आयोग की सदस्य गीता विश्वकर्मा ने बुधवार को सर्किट हाउस में जनसुनवाई की. जनसुनवाई में जिले के विभिन्न इलाकों से आई महिलाओं की शिकायतों को गंभीरता और सहानुभूति पूर्वक सुना गया. उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी मामलों का निस्तारण शीघ्र और पारदर्शी तरीके से किया जाए. जनसुनवाई में आए अधिकतर मामले राजस्व से संबंधित पाए गए. इनमें भूमि अधिग्रहण, मुआवजा और संपत्ति विवाद प्रमुख रूप से रहे. आयोग की सदस्य ने कहा कि इन प्रकरणों में अधिकारियों को संवेदनशील रवैया अपनाना चाहिए ताकि पीड़ित महिलाओं को न्याय मिल सके.
घरेलू हिंसा के मामलों पर बोलते हुए गीता विश्वकर्मा ने कहा- “पुलिस प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी महिला की शिकायत को हल्के में न लिया जाए. यदि किसी थाने से महिला निराश लौटती है या हमारे यहां दुबारा शिकायत लेकर आती है, तो संबंधित थानेदार और चौकी प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.” कहा कि थानों में पीडित महिलाओं के साथ्ज्ञई अभद्रता बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
उन्होंने कहा कि न्यायालयों में छोटे भूमि विवाद और मुआवजा मामलों का निस्तारण वर्षों तक लंबित रहता है, जो पीड़ित पक्ष के लिए कष्टकारी है. इसलिए न्यायालयों से अनुरोध है कि ऐसे मामलों में गुणवत्तापूर्ण विवेचना कर शीघ्र निस्तारण किया जाए.महिला आयोग की सदस्या ने पुलिस अधिकारियों को भी नसीहत दी कि वे किसी भी स्थिति में थाने में आई महिलाओं से अभद्र भाषा या व्यवहार न करें.
कहा कि “हम आधुनिक युग में हैं और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर काम कर रहे हैं. महिलाओं को पहले की तुलना में काफी आज़ादी और अधिकार मिले हैं — लेकिन इस स्वतंत्रता का गलत उपयोग नहीं होना चाहिए;
गीता विश्वकर्मा ने कहा कि सरकार नारी सशक्तिकरण को लेकर गंभीर है. “हम सभी हर उस महिला के साथ हैं जिसके साथ अन्याय हो रहा है. लेकिन यह भी जरूरी है कि किसी निर्दोष व्यक्ति को परेशान न किया जाए. जनसुनवाई में बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित रहीं और आयोग की सदस्या ने सभी को भरोसा दिलाया कि हर शिकायत पर निष्पक्ष और संवेदनशील कार्रवाई की जाएगी.




