
वाराणसीः चंदौली के सपा सांसद वीरेंद्र सिंह का कहना है कि दालमंडी में जिस तरह शासन के आदेश पर प्रशासन वहां कार्रवाई कर रहा है वह तरीका तानाशाही है. जैसे लग रहा कि देश में अघोषित इमरजेंसी लगा दी गई हो खासकर बनारस में. लोगों के संवैधानिक अधिकार सस्पेंड कर दिए गए हैं. आम आदमी का दुख दर्द कोई सुनने को तैयार नहीं है. गांडीव डिजिटल से गुरुवार को विशेष बातचीत में सांसद ने उक्त आरोप लगाएं.
दालमंडी के व्यापारियों में पैदा कर दिया गया है मतभेद

सांसद ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने दालमंडी के व्यापारियों के बीच इतना मतभेद पैदा कर दिया है कि वे एकजुट नहीं हो पा रहे हैं. जबतक वहां के व्यापारी एकजुट नहीं होंगे कोई भी राजनीतिक दल पूरी ताकत से उनकी मदद नहीं कर सकेगा. वहां इस तरह का वातावरण बना दिया गया है कि एक दुकान तोड़ जाता है तो बगल वाला हंसता है. वहीं दूसरे का तोड़ा जाता है तो तीसरा ताली बजाता है. इसका लाभ अधिकारी उठा रहे हैं.
अधिकारियों से न करे कोई उम्मीद वे हैं हुक्म के गुलाम
एक सवाल के जवाब में सपा सांसद ने कहा कि दालमंडी प्रकरण में पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों से कोई उम्मीद नहीं की जा सकती. वो हुक्म के गुलाम हैं. जो ऊपर से आदेश आता है वे उसका पालन करते हैं. साथ में कटाक्ष किया कि शासन पूरी तरह से असंवेदनशील हो चुका है. ऐसे में अधिकारी कैस संवेदनशील हो सकते हैं.

ताकत क्या होती है शासन-प्रशासन को चल जाएगा पता
दालमंडी का मामला संसद में उठाने के सवाल पर वीरेंद्र सिंह ने जवाब दिया कि शुक्रवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव संग उनकी बैठक है. अखिलेश यादव दालमंडी के बारे में पूरी जानकारी चाहते हैं जिसके बारे में वह कल उन्हें सारी स्थिति से अवगत कराएंगे. वहीं सांसद ने यह भी कहा कि जिस दिनन दालमंडी के लोग एकजुट हो जाएंगे तो जनता की ताकत क्या होता है यह शासन-प्रशासन को पता चल जाएगा.




