
वाराणसी: उत्तर प्रदेश में शुरू हुआ पोस्टर वार थमने का नाम नहीं ले रहा है। धार्मिक भावनाओं से शुरू हुआ यह विवाद अब राजनीतिक पोस्टर वार में बदल गया है, जो प्रदेश की राजनीति में चर्चा का विषय बन गया है। पहले 'आई लव मोहम्मद' और उसके जवाब में 'आई लव महादेव' के पोस्टर लगे थे, जिसके बाद बीजेपी की तरफ से 'बुलडोजर' वाले पोस्टर जारी किए गए। अब, समाजवादी पार्टी (सपा) ने इसका जवाब 'आई लव पीडीए एकता' का पोस्टर जारी करके दिया है।
धार्मिक विवाद से राजनीतिक मैदान तक
दरअसल, 'आई लव मोहम्मद' के पोस्टरों को लेकर कई शहरों में विवाद हुआ था। इसके जवाब में, वाराणसी सहित कई स्थानों पर मठों, मंदिरों और सार्वजनिक स्थलों पर 'आई लव महादेव' के पोस्टर लगाए गए। इसके बाद, बीजेपी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समर्थन में 'आई लव योगी आदित्यनाथ जी' और 'आई लव बुलडोजर' लिखे पोस्टर जारी कर माहौल को और गरमा दिया।

सपा का 'PDA एकता' वाला पलटवार
धार्मिक और बीजेपी के बुलडोजर वाले पोस्टरों के बाद, समाजवादी पार्टी ने अब अपने नए पोस्टर से राजनीतिक पलटवार किया है। यह नया पोस्टर वाराणसी के भेलूपुर स्थित सपा कार्यालय पर जारी किया गया है।
इस पोस्टर में 'आई लव PDA एकता' लिखा है, जो सपा प्रमुख अखिलेश यादव के 'पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक' (PDA) समीकरण को दर्शाता है। सपा का यह कदम स्पष्ट रूप से बीजेपी के बुलडोजर और धार्मिक पोस्टरों के जवाब के रूप में देखा जा रहा है, जिसने अब इस पोस्टर वार को एक नया आयाम दे दिया है।
यह राजनीतिक पोस्टर वार दिखाता है कि दोनों दलों के बीच चुनावी जंग में अब पोस्टरबाजी भी एक अहम हथियार बन गई है।




