
वाराणसी - बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के बीपीएड और एमपीएड कोर्स के छात्रों ने गुरुवार की सुबह कुलपति आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. छात्रों का कहना है कि हाल ही में आयोजित एनवीएस और ईएमआरएस सहित अन्य केंद्रीय भर्ती परीक्षाओं में उनके कोर्स को मान्यता नहीं दी गई है. इससे उनके भविष्य को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है.
छात्रों ने कहा कि यह स्थिति उनके भविष्य के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर रही है, जबकि उनका कोर्स एनसीटीई द्वारा अनुमोदित है. प्रदर्शन के दौरान, छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल भी कुलपति से मिला. कुलपति ने इस बाबत सभी को आश्वस्त किया कि वह इस मामले में उचित कार्रवाई करेंगे और संबंधित प्राधिकरणों को निर्देशित करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि दो छात्रों और दो अध्यापकों का एक प्रतिनिधिमंडल भेजा जाएगा, जो अपनी बात को प्रभावी ढंग से रखेगा.

बीएचयू में बीपीएड और एमपीएड के 100 से अधिक छात्र-छात्राओं ने कुलपति आवास के बाहर धरना दिया. छात्रों ने नारेबाजी करते हुए आरोप लगाया कि केंद्रीय भर्ती परीक्षाओं में उनके कोर्स को मान्यता न देना न केवल अनुचित है, बल्कि यह उनके भविष्य को भी प्रभावित कर रहा है.
छात्रों ने कहा कि वे इस अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज उठाने के लिए मजबूर हैं. प्रदर्शन के दौरान, छात्रों ने एकजुटता दिखाई और अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने का संकल्प लिया. कुलपति ने छात्रों की चिंताओं को गंभीरता से लिया और कहा कि वह इस मुद्दे को प्राथमिकता देंगे. उन्होंने छात्रों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा.
बीपीएड और एमपीएड के छात्रों का यह आंदोलन परिसर में सुबह शुरू हुआ तो परिसर में हड़कंप मच गया. आनन फानन मौेक पर प्रशासनिक अधिकारी भी पहुंचे लेकिन छात्र शांति पूर्वक धरना प्रदर्शन करते हुए अपनी मांगे रख रहे थे. छात्रों ने कहा कि वे अपने भविष्य के लिए लड़ाई जारी रखेंगे और किसी भी प्रकार के अन्याय को सहन नहीं करेंगे.




