
वाराणसीः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बनारस के दो दिनी दौरे के आखिरी दिन मंगलवार की सुबह पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के सामने उस समय उहापोह की स्थिति उत्पन्न हो गई जब सैकड़ों लोग अपनी फरियाद मुख्यमंत्री योगी तक पहुंचाने सर्किट हाउस पहुंच गए. लोगों का कहना रहा कि 'जनता दर्शन' कार्यक्रम की सूचना मिलने पर वे लोग अपनी समस्याओं के निस्तारण के मद्देनजर अपनी फरियाद मुख्यमंत्री से करने आए हैं. दूसरी ओर जिला प्रशासन को इस कार्यक्रम के बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं थी, जिसके चलते पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने लोगों के प्रार्थना पत्र को लेकर उन्हें किसी तरह वहां से जाने के लिए मनाया. मुख्यमंत्री का 'जनता दर्शन' न लगाए जाने से यहां आए सैकड़ों लोग निराश होकर लौट गए.

अफसर हुए परेशान रहीं अफरातफरी की स्थिति
मुख्यमंत्री की ड्यूटी पर तैनात अफसरों संग सुरक्षा कर्मी धीरे-धीरे सर्किट हाउस के बाहर जुटती भीड़ देख परेशान हो उठे. लोगों द्वारा यह बताए जाने पर वे सीएम के जनता दर्शन कार्यक्रम में आए हैं तो अफसरों में खलबली मच गई. अफसर बड़े अधिकारियों संपर्क कर उन्हें इस स्थिति की जानकारी दी. जनता दर्शन कार्यक्रम नहीं होने के बावजूद भी इतनी बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने पर अफरातफरी का माहौल काफी देर तक बना रहा. लोगों ने बताया कि उन्हें 'जनता दर्शन' कार्यक्रम होने की सूचना मिली थी, जिसके कारण वे दूर-दराज से अपनी फरियाद लेकर पहुंचे थे.

जमा किए गए लोगों के शिकायती पत्र
मामले की जानकारी होने पर जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे. उन्होंने लोगों को बताया कि आज मुख्यमंत्री का कोई 'जनता दर्शन' कार्यक्रम निर्धारित नहीं है. हालांकि, प्रशासन ने निराश लोगों को वापस नहीं जाने दिया और उनकी समस्याओं को दर्ज करने के लिए उनके शिकायती पत्रों को इकट्ठा किया. अधिकारियों ने लोगों को आश्वासन दिया कि उनके पत्रों को उचित माध्यम से मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचाया जाएगा और उनकी समस्याओं का समाधान सुनिश्चित किया जाएगा. दरअसल,पिछली बार जब सीएम वाराणसी आये तो तो उन्होंने सर्किट हाउस में जनता दर्शन कार्यक्रम रखा था जिसके बाद लोगों ने समझा कि इस बार भी यह कार्यक्रम प्रस्तावित है.




