
वाराणसी: पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल 11 दिसंबर को नमो घाट पर देश के पहले स्वदेशी हाइड्रोजन ईंधन सेल जलयान के व्यावसायिक संचालन को हरी झंडी दिखाएंगे. समारोह में उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे, जिनमें परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. दयाशंकर मिश्र 'दयालु', विधान सभा के सदस्य और वाराणसी नगर निगम के महापौर अशोक कुमार तिवारी शामिल होंगे.
यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के अंतर्देशीय जलमार्गों के चल रहे आधुनिकीकरण का एक हिस्सा है, जिन्होंने स्वच्छ परिवहन, बेहतर संपर्क और बढ़ी हुई जन सुविधा को प्राथमिकता दी है. हाल के वर्षों में, भारत सरकार और भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) ने जल-आधारित संचार को मज़बूत करने और रसद लागत (लॉजिस्टिक) को कम करने के लिए नौवहन चैनलों का विस्तार किया है, आधुनिक टर्मिनल स्थापित किए हैं और नए यात्री एवं मालवाहक मार्गों का संचालन शुरू किया है.
शुभारंभ से पहले बोलते हुए, सोनोवाल जी ने कहा कि यह विकास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परिवर्तनकारी दृष्टिकोण को उजागर करता है, जिन्होंने जन-केंद्रित आधुनिकीकरण के साथ भारत के अवसंरचना को नया रूप दिया है. स्वच्छ, कुशल और भविष्योन्मुखी जलमार्ग नेटवर्क के लिए पीएम का दृष्टिकोण नदियों को विकास और गतिशीलता का इंजन बना रहा है. वाराणसी में भारत के पहले हाइड्रोजन ईंधन सेल जलयान का शुभारंभ अत्याधुनिक, पर्यावरण-अनुकूल तकनीक को अपनाने के हमारे संकल्प को दर्शाता है जो हरित परिवहन के अगले युग को परिभाषित करेगा. यह अग्रणी कदम एक ऐसे भविष्य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है जो स्थायी नवाचार प्रगति को गति देता है, आर्थिक क्षमता को मजबूत करता है और लोगों के दैनिक जीवन को बेहतर बनाता है.
भारत की कालातीत आध्यात्मिक राजधानी में, यह उन्नत हरित परिवहन दुनिया भर से यहाँ आने वाले लोगों और तीर्थयात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाएगा, जिससे वे पवित्र घाटों पर अधिक सुविधा, सम्मान और आराम के साथ यात्रा कर सकेंगे. ये प्रयास दीर्घकालिक कार्यनीति योजना के अनुरूप हैं, जिनमें मैरीटाइम इंडिया विजन 2030 (एमआईवी 2030) और मैरीटाइम अमृत काल विजन 2047 (एमएकेवी 2047) शामिल हैं, जो अंतर्देशीय जलमार्गों पर हरित परिवहन, स्मार्ट अवसरंचना और वैकल्पिक ईंधन के बढ़ते उपयोग के लिए रोड मैप की रूपरेखा तैयार करते हैं.
नमो घाट पर इस परियोजना के शुभारंभ से वाराणसी भारत की हरित जलमार्ग पहल में अग्रणी स्थान पर आ गया है और नदियों और अंतर्देशीय मार्गों पर स्थाई परिवहन के अगले चरण की नींव रखी है.




