वाराणसी : वाराणसी में धार्मिक आयोजनों और भीड़भाड़ वाले स्थलों पर लंबे समय से सक्रिय तमिलनाडु के शातिर गैंग का अब सफाया हो चुका है. दशाश्वमेध पुलिस ने श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर और गंगा आरती में महिलाओं को निशाना बनाकर उनके जेवरात व गहनों की चोरी करने वाले इस गिरोह के 16 सदस्यों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. गिरफ्तार में आए इन शातिर चोरों के खिलाफ अब गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई शुरू कर दी गई है, ताकि वे लंबे समय तक जेल की सलाखों के पीछे रहें.
वारदात करने की गिरोह की अनोखी तरकीब
पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह भीड़ में दो से तीन घेरे (कार्डन) बनाकर वारदात करता था. सबसे आगे की लाइन महिला श्रद्धालुओं को टकराकर या धक्का देकर असावधान करती, दूसरी लाइन में खड़े सदस्य सोने की चेन, मंगलसूत्र या अन्य जेवर झपट लेते और तुरंत पीछे खड़े तीसरे साथी को थमा देते. इस तरह माल एक से दूसरे के पास पहुंचता और मौके पर किसी के पास चोरी का सामान नहीं मिलता. वारदात के बाद गिरोह अलग-अलग रास्तों से निकलकर शहर के बाहर किसी गेस्ट हाउस में ठहर जाता. यही वजह थी कि पुलिस के लिए इन्हें पकड़ना बेहद मुश्किल हो रहा था.
एआई कैमरे ने खोली पोल
पुलिस के हाथ तब बड़ी सफलता लगी जब घाट और मंदिर क्षेत्र में एआई बेस्ड सीसीटीवी कैमरे लगाए गए. लगातार फुटेज खंगालने पर संदिग्धों की लिस्ट बनी और एक-एक कर सभी बदमाश बेनकाब किए गए. इसके बाद दशाश्वमेध पुलिस ने अभियान चलाकर तमिलनाडु गैंग की पूरी टीम को दबोच लिया.
इन पर कसा शिकंजा
गैंग का सरगना लोगेश्वरन तिरुग्ननम त्रिचिरापल्ली (तमिलनाडु) का रहने वाला है. पकड़े गए अन्य बदमाशों में सत्याशीलन (तिरुचिरापल्ली, तमिलनाडु), राजू नायडू, रेणु स्वामी, मंजू स्वामी (पश्चिम बंगाल), सुधा मुदल्या, सविता मुदल्या, चंचल मुदल्या बनर्जी, शकीला बानो, रेखा स्वामी, सायरा बीबी, बबली राव, शांता स्वामी, गोइंदी, जयंती सिंह और मारी राव शामिल हैं.
इनमें कई ने अपना नया ठिकाना पश्चिम बंगाल में बना लिया था और वहीं से वाराणसी आकर वारदात को अंजाम देते थे.
अब संपत्ति जब्ती की तैयारी
डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल ने बताया कि गिरोह के खिलाफ वाराणसी में चार अलग-अलग महिलाओं ने मुकदमे दर्ज कराए थे. जांच में साफ हुआ कि सभी घटनाओं के पीछे यही गिरोह था. अब पुलिस उनकी अवैध कमाई से जुटाई गई संपत्ति की तलाश कर उसे जब्त करेगी.