
अब गंगा में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए फ्लोटिंग जेट स्थापित की जाएगी, जहां वे आसानी से पूजा-अर्चना कर सकेंगे. इसके पास ही एक चेंजिंग रूम भी बनाया जाएगा, जिससे स्नान के बाद श्रद्धालु कपड़े बदलकर आराम से पूजा-पाठ कर सकें. पहले चरण में नगर निगम गंगा में चार फ्लोटिंग चेंजिंग रूम और पूजा स्थलों का निर्माण करने जा रहा है. इस परियोजना का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 अगस्त को करेंगे. इसके निर्माण पर 1.87 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इसे चार महीनों में पूरा किया जाएगा.
73 वर्ग मीटर में नई फ्लोटिंग जेट
काशी, जो बाबा विश्वनाथ और मां गंगा की नगरी के रूप में जानी जाती है, हर साल देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है. खासकर कृष्ण पक्ष के पर्वों पर गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है. दशाश्वमेध, केदारघाट, अस्सी, पंचगंगा और प्रयाग घाटों पर विशेष धार्मिक आयोजन होते हैं. लेकिन घाटों की सीढ़ियां संकरी होने और स्थान की कमी के कारण श्रद्धालुओं को परेशानी होती है.
नई फ्लोटिंग जेट और पूजा स्थलों के बनने से धार्मिक अनुष्ठान अब ज्यादा सुरक्षित और सुविधाजनक होंगे. कुल 73 वर्ग मीटर क्षेत्र में यह फ्लोटिंग चेंजिंग रूम और पूजा स्थल डिजाइन किए जाएंगे, जो गंगा के जलस्तर में उतार-चढ़ाव के बावजूद स्थिर बने रहेंगे.
11.6 करोड़ स्वीकृत
वाराणसी स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत दशाश्वमेध घाट पर फ्लोटिंग चेंजिंग रूम बनकर तैयार हो चुका है. नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने जानकारी दी कि श्रद्धालु अब फ्लोटिंग पूजन स्थल पर मां गंगा की पूजा-अर्चना और दीपदान भी कर सकेंगे.
इसके साथ ही, अयोध्या, मथुरा और वृंदावन जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व वाले शहरों के संरक्षण और विकास के लिए शासन ने एक विशेष बजट की व्यवस्था की है. इसी क्रम में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए इन तीनों शहरों को 50 करोड़ रुपये का अनुदान देने की घोषणा की गई थी.शासन ने संबंधित प्रस्ताव भी मंगवाए थे.
वाराणसी नगर निगम ने शासन को चार फ्लोटिंग पूजन स्थलों के अलावा पांडेपुर फ्लाईओवर के नीचे स्थायी शेल्टर होम, 24 घाटों के सौंदर्यीकरण और लक्ष्मीकांत मंदिर की जीर्णोद्धार योजना का प्रस्ताव भेजा था. शासन ने इन चारों प्रस्तावों को मंजूरी देते हुए 11.6 करोड़ रुपये की धनराशि भी स्वीकृत कर दिया है.




