
वाराणसीः यूपी के कफ सिरप कांड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीमों ने शुक्रवार की सुबह छह शहरों में सिंडीकेट के 25 ठिकानों पर छापे मारे. इसमें लखनऊ, वाराणसी, अहमदाबाद, जौनपुर, सहारनपुर और रांची में छानबीन जारी है. बनारस में शुभम जायसवाल के दो ठिकानों पर छापेमारी के दौरान छानबीन का दौर जारी है. उधर, कफ सिरप मामले को लेकर खोजवा में दिवेश जायसवाल के घर पर भी छापेमारी हुई है. इससे आसपास के लोगों में भी हलचल मची है. वहीं ईडी द्वारा छापा मारने की कार्रवाई की सूचना मिलते ही दवा मंडी के दुकानदारों में हड़कंप मचा हुआ है.
25 हजार का इनामी शुभम जायसवाल करता था विशाल और विभोर राणा से व्यापार

बता दें कि कोडीनयुक्त कफ सिरप कांड की जांच में यूपी एसटीएफ ने लखनऊ आलम बाग के पास से सहारनपुर से दो अभियुक्त अभिषेक शर्मा और शुभम शर्मा को गिरफ्तार किया है. इनसे हुई पूछताछ में 25 हजार रुपये के इनामी शुभम जायसवाल का पूरा नेटवर्क सामने आया है. दोनों ने एसटीएफ को बताया कि वे विशाल और विभोर राणा के लिए काम करते थे. विशाल और विभोर का शुभम जायसवाल के साथ व्यापारिक संबंध था. तीनों मिलकर कोडीनयुक्त कफ सिरप की तस्करी करते थे. माल वाराणसी, लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर और आगरा समेत अन्य जगहों से फर्जी ई वे बिल बनाकर बंगाल के अलावा अन्य जगहों पर भेजा जाता था. विशाल और विभोर के नेटवर्क के जरिये सिरप देश के कई राज्यों में पहुंचाया जाता था.

इसी बीच शुभम ने अपने पिता भोला जायसवाल के नाम पर रांची में एबॉट कंपनी की सुपर स्टॉकिस्ट हासिल कर ली और इन दोनों से किनारा कर लिया. इसके बाद लाइसेंस और दस्तावेज की आड़ में वह बड़े पैमाने पर कफ सिरप की सप्लाई को कानूनी शिपमेंट की तरह दिखाता था. सुपर सुपर स्टॉकिस्ट के बाद शुभम की सप्लाई चेन पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हो गई थी. सहारनपुर में पकड़े गए दोनों अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि सिरप की कई खेप रांची से सीधे यूपी और हरियाणा रूट पर भेजी भेजी गई.




