‘समर्थ’ पोर्टल पर हिंदी व संस्कृत की मांग, शिक्षकों ने दिया धरना.

वाराणसी: संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने शनिवार को विश्वविद्यालय परिसर स्थित परीक्षा भवन द्वार पर धरना देकर ‘समर्थ’ पोर्टल पर हिंदी और संस्कृत भाषा में विवरण उपलब्ध कराने की मांग उठाई. शिक्षकों का कहना है कि पोर्टल पूरी तरह अंग्रेज़ी भाषा में है, जिसके कारण संस्कृत विषय से जुड़े शिक्षक शैक्षणिक एवं प्रशासनिक कार्य करने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं.
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विशेष दर्जे वाले विश्वविद्यालय पर सामान्य नियम थोपने का विरोध
संस्कृत विद्यालय शिक्षक समिति उत्तर प्रदेश से जुड़े शिक्षकों ने आपत्ति जताई कि जब विश्वविद्यालय को विशेष दर्जा प्राप्त है, तो उस पर सामान्य विश्वविद्यालयों जैसे नियम क्यों थोपे जा रहे हैं. उनका कहना है कि यह न केवल अनुचित है बल्कि संस्कृत शिक्षा की गरिमा को भी आघात पहुंचाता है.
शिक्षकों की प्रमुख आपत्तियां और मांगें
पोर्टल पर हिंदी और संस्कृत में विकल्प जोड़े जाएं. छात्रों से पंजीकरण शुल्क दो बार लेना अनुचित है. मामूली छात्रवृत्ति के लिए आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र और रक्त समूह जैसी शर्तों का कोई औचित्य नहीं है. तृतीय और चतुर्थ पत्र के छात्रों को अनावश्यक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. नई शिक्षा नीति के तहत शास्त्री पाठ्यक्रम (तीन अथवा चार वर्ष) का स्पष्ट विकल्प उपलब्ध कराया जाए. दो चरणों में फार्म भरवाने की प्रक्रिया समाप्त की जाए.
मूल्यांकन का बहिष्कार और भुगतान की समस्या
शिक्षकों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन का बहिष्कार भी किया. उनका कहना था कि परीक्षा केंद्रों का भुगतान तो समय पर हो जाता है, किंतु महाविद्यालयों के भुगतान में हमेशा धनाभाव दिखाया जाता है. उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन का पारिश्रमिक कई वर्षों से लंबित है.
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कुलपति का आश्वासन
शिक्षक समिति के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. पवन कुमार शुक्ल ने कहा कि संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय का गौरवपूर्ण इतिहास सांस्कृतिक और बौद्धिक धरोहर है. ऐसे में समर्थ पोर्टल पर मातृभाषा विकल्प का न होना खेदजनक है. उन्होंने कुलपति से मुलाकात कर इस विषय को शासन तक पहुँचाने का आग्रह किया.
कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने शिक्षकों को आश्वासन दिया कि आने वाले दो से तीन दिनों में इस विषय पर सकारात्मक समाधान निकाला जाएगा.
सभा में शिक्षकों ने रखे विचार
धरना सभा की अध्यक्षता पूर्व शिक्षक विधायक डॉ. प्रमोद कुमार मिश्र ने की. इस दौरान डॉ. सुरेश उपाध्याय, डॉ. अभिषेक पाठक, डॉ. पवन शुक्ल, डॉ. अशोक पाण्डेय, डॉ. गोबिंद मिश्र, डॉ. प्रशांत मौर्य, डॉ. उमेश चंद्र तिवारी, डॉ. शशिशेखर चतुर्वेदी, डॉ. जनकनंदिनी शरण और डॉ. ध्रुव सापकोटा सहित कई शिक्षकों ने अपने विचार रखे और विश्वविद्यालय प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई की माँग की.

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