वाराणसी के सारनाथ को यूनेस्को के विश्व धरोहर की स्थायी सूची में शामिल कराने की तैयारी शुरू हो गई है. इस संबंध में केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय की ओर से जिला प्रशासन से प्रस्ताव मांगा गया है. जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग ब्योरा जुटाकर जल्द मंत्रालय को सौंपेगा. इसके अलावा गंगा घाट और कई मंदिरों को भी सूची में शामिल कराने का प्रयास है. मंदिरों में विश्वनाथ धाम भी शामिल है. सारनाथ बीते 27 वर्षों से यूनेस्को की अस्थायी सूची में शामिल है. अब इसे स्थायी रूप से शामिल करने के लिए कवायद शुरू हो गई है. सितंबर में यूनेस्को की बैठक भी प्रस्तावित है.
ताजमहल को मिली जगह
फिलहाल स्थायी सूची में सिर्फ आगरा स्थित ताजमहल को शामिल किया गया है. प्रदेश सरकार की ओर से प्रयास है कि सितम्बर की बैठक में सारनाथ के बौद्धस्तूप को स्थायी सूची में शामिल कराया जाये. इसके लिए विगत दिनों पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने भी लखनऊ में प्रशासन और पर्यटन विभाग के अधिकारियों से इस सम्बंध में चर्चा की थी. हालांकि उसके बाद से तैयारी तेज हो गई है. जिला प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक सारनाथ बौद्ध स्तूप के साथ गंगा घाट और कई प्राचीन मंदिरों का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. जिसमें काशी विश्वनाथ धाम को भी शामिल किया जा रहा है. इन सभी स्थलों को धार्मिक पर्यटनस्थल के तौर पर प्रस्तावित किया जाएगा.
प्रस्ताव में इन स्थलों की धार्मिक, बौद्धिक और वैश्विक महत्ता के साथ ही उनसे वैश्विक पहचान पर पड़ने वाले प्रभाव को दर्शाया जाएगा. साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा, सुविधा औऱ आवागमन आदि मुद्दों पर कार्ययोजना भी पेश की जाएगी. इन सभी बिंदुओं पर दस्तावेज तैयार किया जा रहा है. अफसरों के मुताबिक यूनेस्को की धरोहर सूची में शामिल होने के बाद इन स्थलों के पर्यटन विस्तार के साथ ही विकास की संभावनाएं प्रबल होंगी. साथ ही अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मैप पर अंकित किए जाएंगे.