
वाराणसी: विधान परिषद की नियम पुनरीक्षण समिति की उच्चस्तरीय बैठक गुरुवार को सर्किट हाउस सभागार में समिति के कार्यवाहक सभापति हरिओम पांडेय की अध्यक्षता में हुई. बैठक में सर्वप्रथम विकास प्राधिकरण से जुड़े प्रश्नों को लिया गया जिसमें हाई फ्लड लेवल सार्वजनिक शौचालय शामिल थे. जिसका जवाब सचिव विकास द्वारा दिया गया जिसमें उन्होंने बताया कि एचएफएल के 200 मीटर के दायरे में निर्माण की अनुमति शासन से अब अनुमोदित हो चुकी है. वहीं सिटी ट्रांसपोर्ट द्वारा बताया गया कि कुल 50 इलेक्ट्रिक बसे संचालित हैं तथा 100 नयी बसों की डिमांड भेजी गयी है. नगर निगम को अपने शिलान्यास/लोकार्पण कार्यक्रमों में विधान परिषद सदस्यों के नाम शामिल करने को कहा गया. सीएमओ द्वारा बताया गया कि सभी सीएचसी पीएचसी पर डॉक्टरों की पर्याप्त उपलब्धता है तथा जिला स्तर पर 24 डायलिसिस बेड लगातार संचालित हैं तथा टीबी मुक्त हेतु पीरामल ग्रुप के साथ लगातार कार्य किए जा रहे हैं.
यूपीसीडा के अधिकारी से डीएम लें स्पष्टीकरण
सदस्यों द्वारा जिला पंचायत की कार्यप्रणाली से नाराजगी जाहिर करते हुए सुधार की अपेक्षा की गयी. बैठक से यूपीसीडा के अधिकारी के अनुपस्थित रहने पर जिलाधिकारी से उनसे स्पष्टीकरण लेने हेतु निर्देशित किया गया. समाज कल्याण द्वारा बताया गया कि अनुसूचित जाति के बच्चों हेतु दो छात्रावास काशी विद्यापीठ तथा आशापुर में संचालित है तथा इस वर्ष 396 लोगों के सामूहिक विवाह कराए गए हैं तथा छात्रों के छात्रवृत्ति भी दी जा रही है. सभापति द्वारा डीआईओएस से प्रोजेक्ट अलंकार, राजकीय विद्यालयों में मिनी स्टेडियम, सेवानिवृत्त शिक्षकों के पेंशन समेत विभिन्न प्रश्नों की जानकरियां ली गयी.

1200 नए ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि या बदलाव का प्लान
विद्युत विभाग के चीफ इंजीनियर द्वारा बताया गया कि जिले में कुल 30027 ट्रांसफार्मर हैं जिसमें 332 की क्षमता वृद्धि की जा चुकी है तथा 1200 नए ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि या बदलाव का भी पूरा प्लान तैयार हो चुका है. जिसको शीघ्र पूरा किया जायेगा. जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार द्वारा समिति को बताया गया कि सरकार के प्रयास से धार्मिक नगरी वाराणसी मेडिकल हब के रूप में विकसित हो रहा है जिसमें वर्तमान में 5 सरकारी तथा एक निजी मेडिकल कॉलेज संचालित है तथा पर्यटन के रूप में भी वाराणसी नए कीर्तिमान गढ़ रहा है.
12 वर्षों में 52000 करोड़ के विकास कार्य

जिलाधिकारी ने बताया कि पिछले 12 वर्षों में लगभग 52000 करोड़ के विकास कार्य किए गए हैं. जिलाधिकारी ने समिति के निर्देशों को अनुपालन कराने के लिए भी अवगत कराया. सभापति द्वारा जिलाधिकारी वाराणसी तथा पूरी प्रशासनिक टीम की प्रशंसा भी की गयी.
बैठक में सभापति हरिओम पांडेय ने बताया कि समिति की बैठक का मुख्य उद्देश्य विधान परिषद की कार्यप्रणाली से जुड़े नियमों, विनियमों और उपनियमों के संशोधन, अद्यतन और सरलीकरण पर विचार करना है. उन्होंने कहा कि पारदर्शिता, प्रभावशीलता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रक्रियाओं का समय-समय पर पुनरीक्षण जरूरी है. समिति द्वारा प्राप्त सुझावों और अनुशंसाओं को आगामी सत्र में परिषद के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा. बैठक के दौरान वाराणसी और चंदौली जिलों के विभिन्न विभागों—पुलिस, राजस्व, समाज कल्याण, स्वास्थ्य, शिक्षा, आबकारी, वन, पशुपालन, मत्स्य आदि—द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदनों की जिलेवार समीक्षा की गई. समिति ने निर्देश दिया कि जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों को प्राथमिकता पर लिया जाए तथा कार्यों के क्रियान्वयन में जनप्रतिनिधियों से समन्वय सुनिश्चित किया जाए. सदस्य धर्मेंद्र सिंह द्वारा डीपीआरओ को गांवों में सफाई कर्मियों की ड्यूटी लगाकर गंभीरता से साफ सफाई देखने तथा अनावश्यक जलजमाव रोकने हेतु निर्देशित किया गया.
बैठक में समिति के सदस्य आशुतोष सिन्हा, हंसराज विश्वकर्मा, राय धर्मेंद्र सिंह, जिलाधिकारी वाराणसी सत्येंद्र कुमार, जिलाधिकारी चंदौली चंद्र मोहन गर्ग, डीसीपी ट्रैफिक वाराणसी, मुख्य विकास अधिकारी समेत संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.




