वाराणसीः पूर्वांचल-डिस्कॉम में 10 करोड़ रुपये के गबन के आरोपित लेखाकार केशवेंद्र द्विवेदी का अब तक कोई पता नहीं चल पाया है . जमानत पर रिहा होने के बाद उन्हें दोबारा नौकरी ज्वाइन करनी थी, लेकिन दो महीने बीतने के बाद भी वह ड्यूटी पर नहीं लौटे. विभाग के अन्य कर्मचारी समेत अफसर भी उनकी लोकेशन या हालात को लेकर अनजान हैं .
निलंबन के बाद भी जांच में सुस्ती
गौरतलब है कि पिछले दिनों एमडी शंभु कुमार के आदेश पर केशवेंद्र को निलंबित कर बस्ती जोन के मुख्य अभियंता कार्यालय में अटैच किया गया था . मामले की जांच गोरखपुर जोन-प्रथम के मुख्य अभियंता आशुतोष श्रीवास्तव के पास है, जो फिलहाल प्रक्रिया में है. लेकिन, एक साल से अधिक समय गुजर जाने के बावजूद डिस्कॉम प्रबंधन ने आरोपित के अलावा किसी अन्य के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है .
पत्नी के खाते में भेजी गबन की रकम
जांच में यह भी खुलासा हुआ कि केशवेंद्र ने गबन की लाखों रुपये की रकम अपनी लेखाकार पत्नी के बैंक खाते में ट्रांसफर की थी . इसके बावजूद, वित्त निदेशक संतोष जड़िया ने मामले में अपेक्षित गंभीरता नहीं दिखाई . विभागीय लापरवाही और कार्रवाई में देरी से पूरे मामले पर सवाल खड़े हो रहे हैं .