Sudarshan Reddy: देश में जल्द ही उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने वाला है. एनडीए (NDA) ने सीपी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार बनाया है, जिन्होंने बीते बुधवार को अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. वहीं, विपक्षी INDIA गठबंधन द्वारा बनाए गए उम्मीदवार सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी. सुदर्शन रेड्डी ने आज गुरुवार को अपना नामांकन भरा है. इस मौके पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कई अन्य विपक्षी नेता मौजूद रहे. अब जब दोनों गठबंधनों ने अपने उम्मीदवार खड़े कर दिए हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि उपराष्ट्रपति का चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है.
सुदर्शन रेड्डी ने नामांकन भरने के बाद एक बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि संविधान में निहित मूल्यों के प्रति गहरी विनम्रता और अटूट प्रतिबद्धता के साथ उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया है. इसी के आगे उन्होंने कहा कि उनका जीवन लोकतांत्रिक परंपराओं में निहित है. भारत की असली ताकत प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा में निहित होती है. उपराष्ट्रपति चुने जाने पर वह निष्पक्षता और संवाद के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता के साथ अपनी भूमिका निभाने का संकल्प लेता हैं.
बता दें, उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल करने का आज (21 अगस्त 2025) को आखिरी दिन है. चुनाव 9 सितंबर को होना है जिसके नतीजे भी उसी दिन घोषित किए जाएंगे. कांग्रेस पार्टी ने अपने उम्मीदवार के तौर पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी का नाम तय कर हर किसी को हैरान कर दिया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रेड्डी के नाम पर उम्मीदवारी की मुहर लगाई है. नामांकन से पहले सुदर्शन रेड्डी ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी की तारीफ की.
इस तारीफ में उन्होंने कहा कि जब संसद ठीक से काम नहीं करती और सड़कें खामोश रहती हैं, ऐसे वक्त पर राहुल गांधी आवाज उठाते नजर आए हैं. इस दौरान रेड्डी ने राममनोहर लोहिया की बात याद करते हुए कहा कि राहुल गांधी कभी चुप नहीं बैठते. साथ ही उन्होंने बिहार में मतदाता सूची से जुड़ी चिंताओं का ज़िक्र कर कहा कि वोट देने का अधिकार लोकतंत्र की बुनियाद है. इस अधिकार की रक्षा के लिए राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से सीधा मुकाबला किया, जिसकी जितनी सराहना की जाए, वो कम है.
इंडिया गठबंधन ने सुदर्शन रेड्डी को उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार इसलिए बनाया है कि वह संविधान, न्यायपालिका और पारदर्शिता के पक्षधर चेहरे को आगे रख रहा है. विपक्ष का मानना है कि रेड्डी की साफ-सुथरी छवि और न्यायिक अनुभव उन्हें उपराष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार बनाता है. उपराष्ट्रपति चुनाव में अब रेड्डी का मुकाबला बीजेपी नेता और तमिलनाडु के वरिष्ठ राजनेता सीपी राधाकृष्णन से होने वाला है. जानकारी के मुताबिक, उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर जोर दिया और आम जनता के हाथ में एकमात्र साधन या हथियार करार दिया.
आंध्र प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी एक मशहूर चेहरा हैं. उनका जन्म 8 जुलाई 1946 को आंध्र प्रदेश के रंगा रेड्डी ज़िले के आकुला मायलारम गांव में एक किसान परिवार में हुआ. साल 1971 में उस्मानिया यूनिवर्सिटी से क़ानून की पढ़ाई पूरी कर उन्होंने हैदराबाद में वरिष्ठ अधिवक्ता के. प्रताप रेड्डी के मार्गदर्शन में सिविल और संवैधानिक मामलों की प्रैक्टिस शुरू की. 8 अगस्त 1988 को वे आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में गवर्नमेंट प्लीडर नियुक्त हुए और बाद में केंद्र सरकार के लिए एडिशनल स्टैंडिंग काउंसिल की ज़िम्मेदारी भी निभाई.