
वाराणसी : देश की अर्थव्यवस्था की धुरी के तौर पर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र काम कर रहा है. इससे लाखों लोगों को रोजगार के अवसर खुल रहे हैं और जीडीपी वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान परिलक्षित है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) एक ऐसी तकनीक है, जो एमएसएमई को पारंपरिक सीमाओं को पार करने और विकास, नवाचार तथा सफलता के नए अवसरों को सृजित करने में सहायता कर सकती है. एआई की क्षमता एमएसएमई के संचालन में बदलाव लाने, विकास को गति देने और वित्तीय चुनौतियों का सामना करने में अत्यधिक उपयोगी है.
उक्त बातें शनिवार को बनारस क्लब वाराणसी में इंडो अमेरिकन चैम्बर ऑफ कॉमर्स, वाराणसी डेस्क द्वारा आयोजित "विकास के लिए एआई: पूर्वी उत्तर प्रदेश के एमएसएमई को सशक्त बनाना" विषयक सेमिनार में मुख्य वक्ता एटी एंड टी ग्लोबल नेटवर्क सर्विसेस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अरुण कर्ण ने कही.
एआई विशेषज्ञों ने बताई उपयोगिता
सेमिनार की शुरुआत में इंडो अमेरिकन चैम्बर ऑफ कॉमर्स, वाराणसी डेस्क के चेयरमैन बेन एन जॉन ने सभी का स्वागत किया. इस अवसर पर वाराणसी डिवीज़न के एडिशनल कमिश्नर इंडस्ट्री उमेश कुमार सिंह और जॉइंट डायरेक्टर एमएसएमई प्रयागराज केएल बीएस यादव ने भी अपने विचार साझा किए. आईएसीसी के उत्तर प्रदेश कोआर्डिनेशन कमेटी के चेयरमैन मुकेश सिंह और राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य अहसान आर खान भी उपस्थित थे.
सेमिनार में दिल्ली, लखनऊ और बी एच यू से आए एआई विशेषज्ञों ने एआई को भारत के एमएसएमई सेक्टर के लिए अत्यंत उपयोगी बताया. वक्ताओं ने कहा कि एआई-संचालित उपकरण दोहराए जाने वाले कार्यों को स्वचालित करते हैं, जिससे कर्मचारियों को अधिक महत्वपूर्ण और रचनात्मक कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर मिलता है. एआई इन्वेंट्री का अनुकूलन करता है, मांग की भविष्यवाणी करता है और लॉजिस्टिक्स में सुधार करता है, जिससे परिचालन लागत में कमी आती है.
इसके अलावा, एआई बड़े डेटा का विश्लेषण करके भविष्य के रुझानों और उपभोक्ता व्यवहार की भविष्यवाणी करता है, जिससे एमएसएमई डेटा-आधारित निर्णय ले सकते हैं. यह एमएसएमई को बाजार में बेहतर जानकारी और ग्राहकों की बदलती जरूरतों को समझने में मदद करता है.




