वाराणसी: प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र बनारस को सौर ऊर्जा सिटी बनाने की दिशा में नगर निगम ने बड़ा कदम उठाया है.
इसके लिए 5000 मेगावाट क्षमता वाली सौर ऊर्जा परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की रूपरेखा तैयार कर ली गई है.
इस प्रस्ताव पर 30 अगस्त को नगर निगम की कार्यकारिणी बैठक में मुहर लग सकती है.
कार्यकारिणी बैठक में होंगे कई अहम फैसले
महापौर अशोक कुमार तिवारी की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में सिर्फ सौर परियोजना ही नहीं, बल्कि कई अन्य बड़े मुद्दों पर भी चर्चा और निर्णय होंगे.
इसी क्रम में वरुणा नदी में सीवर डिस्चार्ज रोकने के लिए चल रहे इंटरसेप्शन-डाइवर्जन कार्यों की समीक्षा की जाएगी. अब तक इस पर 715.99 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं, जिसकी स्वीकृति कार्यकारिणी से ली जाएगी. इसके अलावा इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेशों के अनुपालन से जुड़े पुराने मामलों पर कार्यवाही की स्थिति बैठक में रखी जाएगी. इससे लंबित मामलों को निपटाने की दिशा में तेजी आने की उम्मीद है.
स्वास्थ्य पर भी फोकस
नगर निगम अधिनियम-1959 के अंतर्गत शहर में मलेरिया, डेंगू, कालाजार और अन्य संक्रामक बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण के उपायों से जुड़ा प्रस्ताव भी बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा.
सदस्यों के प्रस्तावों पर विचार
धारा 91(2) के तहत नगर निगम के सदस्यों से प्राप्त प्रस्तावों पर भी चर्चा की जाएगी. कुल मिलाकर 30 अगस्त की कार्यकारिणी बैठक वाराणसी के लिए बेहद अहम मानी जा रही है.
एक ओर जहां यह बैठक बनारस को सौर ऊर्जा सिटी बनाने का रास्ता साफ कर सकती है, वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़े मुद्दों पर भी ठोस निर्णय लिए जाएंगे.