वाराणसी। भोजपुरी फिल्मों के चर्चित अभिनेता और गायक पवन सिंह एक बड़े विवाद में फंस गए हैं। वाराणसी की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (द्वितीय) की अदालत ने पवन सिंह समेत चार लोगों के खिलाफ करोड़ों की ठगी और जान से मारने की धमकी के मामले में मुकदमा दर्ज करने का आदेश कैण्ट थाना पुलिस को दिया है। यह मामला सालों पुराने फिल्म निवेश और फर्जी अनुबंध से जुड़ा हुआ है।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
वाराणसी के एक होटल कारोबारी ने अदालत में अर्जी दाखिल कर आरोप लगाया कि साल 2017 में महाराष्ट्र के प्रेमशंकर राय और उनकी पत्नी सीमा राय ने खुद को फिल्म निर्माता और डायरेक्टर बताकर उससे संपर्क किया। उन्होंने कारोबारी को भरोसा दिलाया कि भोजपुरी फिल्मों में निवेश से बड़ा मुनाफा मिलेगा और सरकार से सब्सिडी भी लौटेगी।
कारोबारी की मुलाकात पवन सिंह से भी कराई गई और उस पर निवेश का दबाव बनाया गया। इसके बाद कारोबारी ने अपनी और अपने भाई की फर्म से करीब 32.60 लाख रुपये अलग-अलग खातों में जमा किए।
फिल्म “बॉस” और करोड़ों का खेल
जुलाई 2018 में होटल में एक बैठक के दौरान आरोपियों ने फर्जी अनुबंध तैयार कर कारोबारी को फिल्म “बॉस” का निर्माता घोषित कर दिया और मुनाफे का 50% हिस्सा देने का वादा किया। कारोबारी का कहना है कि उसने फिल्म में कुल मिलाकर 1.25 करोड़ रुपये से अधिक लगाया। लेकिन फिल्म रिलीज होने के बाद न तो उसे उसका मुनाफा मिला और न ही रकम लौटाई गई।
धमकी का गंभीर आरोप
कारोबारी का आरोप है कि पैसे की मांग करने पर पवन सिंह ने उसे धमकी दी कि अगर वह दबाव बनाएगा तो “जिंदा नहीं बचेगा।”
पुलिस ने नहीं की कार्रवाई, कोर्ट का हस्तक्षेप
व्यवसायी ने पहले कैण्ट थाने और फिर पुलिस आयुक्त को शिकायत दी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उसने अदालत का दरवाजा खटखटाया। अदालत ने मामले को गंभीर मानते हुए पुलिस को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।
इंडस्ट्री में हलचल
पवन सिंह पर लगे इन आरोपों से भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में खलबली मच गई है। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि पुलिस इस मामले में क्या कदम उठाती है और पवन सिंह अपनी सफाई में क्या कहते हैं।