वाराणसी : अपर पुलिस आयुक्त के आदेश पर शनिवार रात करधना गांव के निवासी शांतनु उपाध्याय, मोहित तिवारी, भोले तिवारी और बब्बूल के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट सहित कई धाराओं में केस दर्ज किया गया. यह कार्रवाई दिलीप कुमार की शिकायत पर हुई, जिनके बेटे शुभांकर आर्म रेसलिंग (पंजा लड़ाने) के खिलाड़ी हैं.
14 मई को आरोपितों ने शुभांकर को पंजा लड़ाने के लिए बुलाया. शुभांकर ने सभी को मात देकर जीत हासिल की, जिसके बाद आरोप है कि हार से नाराज़ विपक्षियों ने लाठी-डंडों से उस पर हमला कर दिया और जातिसूचक गालियां दीं. घटना के बाद घायल शुभांकर को एंबुलेंस से शिव प्रसाद गुप्त अस्पताल पहुंचाया गया.
रिपोर्ट में क्या बताया
पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, शुभांकर की जीत के बाद आरोपितों ने न केवल उस पर शारीरिक हमला किया, बल्कि जातिगत रूप से भी अपमानित किया. यह घटना खेल तक सीमित न रहकर एक आपराधिक कृत्य बन गई. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी.
दिलीप कुमार का कहना है कि उनके बेटे शुभांकर ने कड़ी मेहनत और हुनर से जीत हासिल की, लेकिन हार के बाद आरोपितों का रवैया बेहद शर्मनाक था. उनके मुताबिक, इस तरह की घटनाएं समाज में भेदभाव और असमानता को और बढ़ावा देती हैं.
चिंता का विषय
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार कोशिश कर रही है. यह घटना स्थानीय लोगों के लिए चिंता का विषय बन गई है, जिसके चलते समुदाय ने ऐसे मामलों के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाने का फैसला किया है.
पुलिस प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि मामले को पूरी गंभीरता से लिया जाएगा और दोषियों को सजा दिलाने के लिए हर जरूरी कदम उठाया जाएगा. साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता फैलाने की जरूरत पर भी जोर दिया गया है. यह घटना एक बार फिर जातिवाद के खिलाफ संघर्ष को सामने लाती है, और सभी को मिलकर इसे समाप्त करने के लिए प्रयास करने की आवश्यकता है.