Moderate Violence: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में बीते साल हुई हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 450 पन्नों वाली एक बड़ी रिपोर्ट सौंपी गई है. यह रिपोर्ट आज गुरुवार को दी गई है. इस रिपोर्ट में 24 नवंबर 2024 को हुई हिंसा की जानकारी नहीं, बल्कि इसमें संभल में अब तक हुए दंगों का पूरा ब्योरा भी शामिल किया गया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि संभल में कब-कब दंगे हुए, उन दंगों में क्या हुआ, और किस तरह की साजिशें रची गईं. इस रिपोर्ट में एक और अहम बात कही गई है—संभल में हिंदू आबादी लगातार घट रही है. इसके पीछे की वजहों और दंगों के पीछे छिपी योजनाओं का भी जिक्र किया गया है. जिसके चलते इस रिपोर्ट को काफी खास माना जा रहा हैं.
गौरतलब है कि, बीते 24 नवंबर 2024 को स्थानीय अदालत के आदेश पर संभल की जामा मस्जिद का सर्वे करने के सिलसिले में एक बड़ी हिंसा हुई थी, जहां मस्जिद का सर्वे करने गई टीम को रोकने की कोशिश की गई. जिसका विरोध करने पर पुलिस और भीड़ के बीच हिंसक झड़प हुई. धीरे-धीरे ये मामला इस कदर बढ़ गया कि झड़प के दौरान चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी. इसमें मारे गए लोगों के नाम बिलाल,नईम,क़ैफ और अयान थे. इन मृतकों के परिजनों का आरोप था कि, ये मौत कोई मामूली नहीं, बल्कि पुलिस फायरिंग के चलते हुई थी.
इसी मामले की जांच-पड़ताल के लिए यूपी सरकार ने न्यायिक आयोग की तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की थी. इसमें हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जज देवेंद्र अरोड़ा को अध्यक्ष बनाया गया था. उनके साथ रिटायर्ड आईपीएस और पूर्व डीजीपी एके जैन के साथ अमित मोहन प्रसाद सदस्य के रूप में शामिल किए गए थे. गठित की गई इन जांच एंजेसी की मदद से संभल हिंसा पर न्यायिक जांच रिपोर्ट में जनसांख्यिकीय परिवर्तन का भी जिक्र है. 1947 में जहां नगरपालिका क्षेत्र में हिन्दुओं की आबादी 45 फीसदी थी, जो घटकर अब 2025 में 15 फीसदी रह गई है. यानी 30 फीसदी हिन्दू जनसंख्या पिछले 78 सालों में घटी है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि संभल आतंकियों का अड्डा बन गया है. यहां आजादी के बाद से 15 दंगे हुए हैं, जो काफी हैरान कर देने वाले हैं.
बीते 24 नवंबर 2024 को संभल में हुई हिंसा को लेकर इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कुछ लोगों को पहले से पता था कि मस्जिद में सर्वे होने वाला है. जिसकी जानकारी सिर्फ जामा मस्जिद के प्रबंधन को ही दी गई थी, जहां गुप्त रखने के बजाय ये बात लीक हो गई. इसी वजह से लोगों में नाराज़गी बढ़ने के साथ-साथ सर्वे को लेकर हिंसा भड़क उठी. हिंसा की जांच के लिए सरकार ने तीन लोगों की एक कमेटी बनाई थी. इस कमेटी ने प्रशासन, स्थानीय लोगों और पीड़ितों से बात की और पूरे मामले की जांच की. जिसेक बाद से इस कमेटी ने संभल रिपोर्ट को सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंप दी है, जिसके बाद से ये माना जा रहा है कि अब संभल के आरोपियों की खैर नहीं है.
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सीएम योगी को सौंपी गई संभल हिंसा की यह रिपोर्ट पहले राज्य कैबिनेट के समक्ष पेश की जाएगी. इसके बाद से कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद आगामी विधानसभा सत्र के दौरान इसे सदन में रखा जाएगा. ऐसे में माना ये जा रहा है कि रिपोर्ट में हिंसा के कारणों, प्रशासन की भूमिका, खुफिया तंत्र की नाकामी और भविष्य में ऐसे हालात से निपटने के सुझाव भी शामिल हैं.