वाराणसीः दिल्ली में चुनाव आयोग कार्यालय के बाहर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा समेत 300 विपक्षी सांसदों की गिरफ्तारी के विरोध में मंगलवार को वाराणसी में जिला/महानगर कांग्रेस कमेटी ने जोरदार प्रदर्शन किया. प्रदर्शन का नेतृत्व जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल और महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने किया.
जिलाधिकारी कार्यालय के सामने सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए धरना दिया और एडीएम को ज्ञापन सौंपा. कांग्रेस ने वाराणसी लोकसभा चुनाव 2025 में बड़े पैमाने पर फर्जी वोटिंग, नकली मतदाता सूची और लोकतंत्र की हत्या के आरोप लगाए. कहा कि दिल्ली में विपक्षी सांसद केवल निष्पक्ष चुनाव की मांग कर रहे थे, लेकिन केंद्र सरकार ने पुलिस भेजकर उन्हें गिरफ्तार करवा दिया. सभा में वक्ताओं ने कहा कि “एक व्यक्ति- एक वोट” लोकतंत्र की रीढ़ है, जिसे बीजेपी सरकार तोड़ रही है. फर्जी वोट और डुप्लिकेट नाम लोकतंत्र के गले में फंदा डालने के बराबर हैं. उनका आरोप है कि चुनाव आयोग निष्पक्ष संस्था न रहकर भाजपा का एजेंट बन गया है.
कांग्रेस ने रखीं पांच प्रमुख मांगें:
1. विपक्ष को डिजिटल वोटर लिस्ट तुरंत दी जाए.
2. मतदान दिवस की सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक की जाए.
3. निर्वाचन फार्म 6, 7, 8 का जनवरी 2024 से अंतिम प्रकाशन तक का पूरा विवरण जारी किया जाए.
4. विपक्षी नेताओं को डराना-धमकाना बंद किया जाए.
5. चुनाव आयोग अपनी निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करे.
सड़क से संसद तक लड़ाई लड़ेगी कांग्रेस
इस मौके पर जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल ने कहा कि वाराणसी चुनाव में धांधली मतदाताओं के अधिकार पर सीधा हमला है. अगर सबूत सार्वजनिक नहीं किए गए तो कांग्रेस सड़क से संसद तक लड़ाई लड़ेगी. वहीं राघवेंद्र चौबे ने कहा कि यह लड़ाई किसी पार्टी की नहीं, बल्कि हर नागरिक के वोट के अधिकार की है. उन्होंने आरोप लगाया कि मतगणना के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय की बढ़त के बावजूद गिनती धीमी कर दी गई और विपक्षी नेताओं को नजरबंद किया गया. वाराणसी की जनता ने कांग्रेस को 4 लाख 60 हजार वोट देकर लोकतंत्र बचाने का संदेश दिया है. कार्यक्रम में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे, जिन्होंने लोकसभा चुनाव में कथित धांधली के खिलाफ संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया .