वाराणसी: साइबर अपराधों पर लगाम कसने और आम लोगों को तकनीकी सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए अब पुलिस विभाग ‘साइबर कमांडो’ तैयार कर रहा है.
पूरे देश में 5,000 साइबर कमांडो बनाए जाने की योजना है, जिनमें वाराणसी से भी दो पुलिसकर्मियों का चयन हुआ है.
राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रतियोगिता में वाराणसी के उप निरीक्षक कृष्ण कुमार जायसवाल और कांस्टेबल आदर्श कुमार ने यह सफलता हासिल की है. दोनों को लखनऊ में छह माह का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा. प्रशिक्षण पूरा होने के बाद वे अन्य पुलिसकर्मियों को भी साइबर सुरक्षा से जुड़े गुर सिखाएंगे.
लखनऊ में मिलेगा विशेष प्रशिक्षण
चयनित पुलिसकर्मियों को लखनऊ में छह माह का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसमें उन्हें सिखाया जाएगा कि साइबर अपराध का खुलासा तेजी से कैसे करें. ऑनलाइन ठगी के पैसों को फ्रीज कर वापसी कैसे कराई जाए. अपराधियों तक पहुंचने के आधुनिक तकनीकी तरीके. आम लोगों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के आसान उपाय. प्रशिक्षण पूरा करने के बाद ये दोनों अधिकारी कमिश्नरेट के अन्य पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षक भी बनेंगे.
राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा से हुआ चयन
साइबर कमांडो बनने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर विशेष चयन परीक्षा कराई गई थी. इसमें पूरे देश से करीब 40 हजार पुलिसकर्मी शामिल हुए थे. इस प्रतियोगिता के बाद ही हर राज्य और जिले से योग्य पुलिसकर्मियों का चयन किया गया है.
हर थाने तक बनेगी साइबर सुरक्षा चेन
वाराणसी में इन प्रशिक्षित साइबर कमांडो की मदद से हर थाने के स्तर तक साइबर सुरक्षा की एक मजबूत चेन बनाई जाएगी. इसके जरिये न केवल पुलिस की तकनीकी क्षमता बढ़ेगी बल्कि आम नागरिकों को भी साइबर अपराधों से बचने के लिए समय-समय पर जागरूक किया जाएगा. यह कदम आने वाले समय में साइबर ठगी, ऑनलाइन धोखाधड़ी और डिजिटल अपराधों पर रोक लगाने में अहम साबित होगा.