डिजिटल नारी सशक्तिकरण: ग्रामीण महिलाओं को मिला आत्मनिर्भरता का नया पंख

वाराणसी: उत्तर प्रदेश में महिलाओं के सशक्तिकरण की तस्वीर तेजी से बदल रही है. अब ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं भी डिजिटल भारत मिशन से जुड़कर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं. इसी क्रम में वाराणसी के सर्किट हाउस में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की ओर से “डिजिटल नारी सशक्तिकरण कार्यक्रम” का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में महिलाएं शामिल हुईं और उन्हें डिजिटल सुविधाओं से जोड़ने की जानकारी दी गई.

ग्रामीण महिलाओं के लिए डिजिटल नारी ऐप लॉन्च
कार्यक्रम में ग्रामीण महिलाओं के लिए डिजिटल नारी ऐप की शुरुआत की गई. इस ऐप के जरिए महिलाएं अब न सिर्फ बैंकिंग लेनदेन कर सकेंगी बल्कि ईएमई पेमेंट, इंश्योरेंस, ई-क्लीनिक, मोबाइल-डीटीएच रिचार्ज और टिकट बुकिंग जैसी तमाम सुविधाएं भी गांव में ही उपलब्ध करा पाएंगी. इससे ग्रामीणों को शहरों की दौड़-भाग से राहत मिलेगी और गांव सीधे डिजिटल इंडिया मिशन से जुड़ेंगे.

बीसी सखियां बन रहीं बदलाव की अगुवाई
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी बीसी सखियां (बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट सखियां) अब गांव-गांव जाकर डिजिटल सेवाएं उपलब्ध करा रही हैं. ट्रेन से लेकर हवाई जहाज तक की टिकट बुकिंग, इंश्योरेंस, बैंकिंग और अन्य डिजिटल कार्यों को महिलाएं बड़ी आसानी से संभाल रही हैं. बीसी सखी आलम आरा ने कार्यक्रम में अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि आजीविका मिशन से जुड़ने के बाद उनकी आमदनी में काफी इजाफा हुआ है. अब वह अपने परिवार का पालन-पोषण करने के साथ ही बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में भी सहयोग कर पा रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महिलाओं के सशक्तिकरण पर बल देने के बाद ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भरता की नई मिसाल बन रही हैं.

महिलाएं बढ़ा रहीं आय, नई तकनीक से जुड़ाव
मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने बताया कि वाराणसी जिले में वर्तमान समय में 11,000 से अधिक स्वयं सहायता समूह सक्रिय हैं, जिनसे करीब एक लाख महिलाएं जुड़ी हुई हैं. ये महिलाएं न केवल डिजिटल सुविधाओं का इस्तेमाल कर रही हैं बल्कि ड्रोन तकनीक, पशुपालन, डेयरी और अन्य रोजगारोन्मुख क्षेत्रों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं. इससे उनकी आय में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.
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सम्मान और प्रोत्साहन
कार्यक्रम के दौरान बेहतर काम करने वाली स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में एमएलसी धर्मेंद्र सिंह मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि डिजिटल नारी जैसी पहल से गांवों में विकास की नई दिशा तय होगी और महिलाएं समाज में आत्मनिर्भर भारत की मजबूत पहचान बनेंगी.
यह कार्यक्रम न सिर्फ ग्रामीण महिलाओं के आत्मविश्वास को मजबूत कर रहा है बल्कि उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता की ओर भी अग्रसर कर रहा है. डिजिटल नारी ऐप और बीसी सखी जैसे प्रयास आने वाले दिनों में गांवों को डिजिटल और महिलाओं को और भी सशक्त बनाएंगे.

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