
Shutdown In America: अमेरिका में बीते 1 अक्टूबर से शुरू हुआ शटडाउन का आज तीसरा दिन है. जी हां, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प सीनेट से फंडिंग बिल को पास नहीं करा पाए. इससे कई गैरजरूरी सरकारी कामकाज ठप हो गए. इसी बीच विपक्षी डेमोक्रेट्स ओबामा हेल्थकेयर जैसी सुविधाओं में सब्सिडी जारी रखने औऱ कटौतियों को वापस लेने की अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं.

इन मांगों का असर वहां की सदन में देखने को मिला, जहां बगैर वोटिंग कराए ही उच्च सदन को स्थगित कर दिया गया. ऐसे में हैरानी की बात तो यह है कि जिस तरह से विपक्षी डेमोक्रेट्स अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए हठ कर बैठे हैं, उससे तो ये साफ जाहिर होता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाले रिपब्लिकन पार्टी के लिए अपनी योजनाओं को पास करवा पाना काफी मुश्किल हो सकता है.

बता दें, अमेरिका में लागू हुए शटडाउन की स्थिति तब देखने को मिली, जब अमेरिकी सरकार के पास इतनी कंगाली छा गई कि उसके पास अपने ही कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे तक नहीं बचे. जिसके चलते सरकारी खर्चों से जुड़े बिल पर अमेरिकी संसद में सहमति तक नहीं बन सकी है. जिससे अमेरिकी सरकारी एजेंसियों का कामकाज पुरी तरीके से ठप हो गया है. हालांकि, इस शटडाउन की वजह से भारत के साथ ट्रेड डील पर चल रही बातचीत पर किसी तरह का कोई भी असर नहीं पड़ा है.
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बात करें 1981 (इक्यासी) की तो इस सन् से यह 15वीं बार अमेरिका में शटडाउन हुआ है. वहीं 2018 के बाद से देश में पहली बार इस तरह की शटडाउन स्थिति सामने नजर आई है. पिछला शटडाउन 35 दिन तक चला था, जो अमेरिका के इतिहास में सबसे लंबा शटडाउन था. सूत्रों के मुताबिक, अगर जल्द ही कोई हल नहीं निकला तो सितंबर का जॉब रिपोर्ट निकालने, हवाई यात्रा में देरी, अमेरिकी सैनिकों को वेतन दिए जाने पर भी इसका असर पड़ सकता है. करीब साढ़े सात लाख कर्मचारियों को अस्थायी रूप से बगैर वेतन के छुट्टी पर जाना पड़ सकता है. इन सभी से करीब 400 मिलियन डॉलर का नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है.
वहीं अमेरिका में लगे शटडाउन को लेकर हर किसी के मन में ये सवाल जरूर उठ रहा होगा कि आखिरकार शटडाउन किसे कहते है. तो बताते चले कि अमेरिकी सरकार को चलाने के लिए हर साल बजट पास करना जरूरी होता है. अगर वहां की संसद यानी कांग्रेस और राष्ट्रपति किसी वजह से इस पर अपनी सहमत नहीं जताते है, तो किसी भी किमत पर फंडिंग बिल पास नहीं होता है. ऐसे में सरकार को मिलने वाला पैसा रुक जाता है और वो अपने कई विभागों को चलाने की स्थिति में कामयाब नहीं रहता है. के लिए पैसे की कमी आ जाती हैं. जिससे अमेरिकी सरकार काम-काज पुरी तरीके से बंद हो जाता है. जिसकी वजह से सरकारी कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पाता है. इसे ही शटडाउन कहा जाता है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी पार्टी रिपब्लिकन को सलाह देते हुए सोशल मीडिया ट्रूथ पर लिखा, "रिपब्लिकन को डेमोक्रेट्स के इस थोपे गए शटडाउन का इस्तेमाल बेकार के तत्वों, फिजूलखर्ची और धोखाधड़ी को खत्म करने के लिए करें तो ही बेहतर होगा. क्योंकि इससे अरबों डॉलर बचाए जा सकते हैं. मेक अमेरिका ग्रेट अगेन." सबसे जरूरी बात तो यह है कि अगर यह शटडाउन कुछ लंबा चला तो अमेरिकी में बड़े पैमाने पर छंटनी देखने को मिल सकती है और इसकी आशंका खुद व्हाइट हाउस की प्रवक्ता ने जताई है.




