
Donald Trump: अमेरिका और भारत के बीच के रिश्ते कुछ महीनों से ठीक-ठाक नहीं चल रहे थे. रिश्तों की इन्हीं खटास के चलते दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में कई उतार-चढ़ाव भी देखने को मिले. वजह ये कि डोनाल्ड ट्रंप भारत पर ट्रैरिफ पर ट्रैरिफ लगाते रहे. ट्रंप के इसी ट्रैरिफ धमकी ने भारत को अमेरिका से मुहंमोड़ने पर मजबूर कर दिया. जिसके बाद से भारत ने ब्राजील जैसे देश से हाथ मिलाकर ट्रंप को मुंहतोड़ जवाब दिया और ये साबित कर दिया कि, भारत किसी भी हाल में अमेरिका के आगे झूकेगा नहीं, भारत को चाहने वाला सिर्फ अमेरिका नहीं बल्कि बहुत से देश है जो भारत से हाथ मिलाने को तरसते हैं. हालांकि, ट्रंप दिन-रात इस सोच में डूबे थे कि, मेरी धमकी या प्रतिबंध से भारत डर कर अमेरिका के सामने घुटने टेक देगा, लेकिन शायद ट्रंप ये भूल गये है कि भारत वो देश है, जो बिना गलती के किसी के आगे कभी नहीं झुकता, फिर चाहे कुछ भी हो जाए.

दरअसल, साउथ कोरिया के ग्योंगजू (Gyeongju ) शहर में इन दिनों एशियन पैसिफिक इकोनॉमिक को-ऑपरेशन (APEC) समिट 2025 चल रहा है, जिसमें दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के कई दिग्गज नेता शामिल हुए हैं. इस समारोह में मौजूद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सभा को संबोधित करते हुए भारत का जिक्र कर बैठे. अपने बयानों में ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ कर कहा पीएम मोदी के प्रति मेरा बहुत सम्मान है, वो न सिर्फ एक मजबूत और दूरदर्शी नेता हैं, बल्कि मेरे अच्छे दोस्त भी हैं. जिन्हें मैं इतनी आसानी से खोना नहीं चाहता हूं. इसलिए अब जल्द ही भारत के साथ एक बड़ी ट्रेड डील करने का विचार कर रहा हूं. बता दें, ट्रंप अपने पांच दिवसीय एशिया यात्रा पर हैं, अमेरिकी राष्ट्रपति अपने दूसरे कार्यकाल की पहली एशिया यात्रा पर आज दक्षिण कोरिया जा पहुंचे हैं. ट्रंप की इस यात्रा का मकसद कुछ और नहीं, बल्कि टैरिफ के बीच व्यापार और निवेश में डील करना हैं.

इतना ही नहीं APEC समिट 2025 में डोनाल्ड ट्रंप ने ये भी कहा कि, अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ यानी (आयात कर) सिर्फ अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत नहीं कर रहे, बल्कि दुनिया में शांति का कारण भी बन रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में Cambodia और Thailand के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद को अब खत्म कर दिया गया है. दोनों देशों के बीच ‘Kuala Lumpur Peace Accords’ पर हस्ताक्षर हुए हैं, जिससे दशकों पुरानी लड़ाई का अंत हो गया है. हमने मलेशिया में शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. अब कंबोडिया और थाईलैंड के बीच का युद्ध हमेशा के लिए खत्म हो गया है.

हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच तीन बार बातचीत हुई है, जन्मदिन की बधाई देने, गाजा समझौते से लेकर दिवाली तक वार्तालाप की गर्मजोशी बनी रही, इसके लिए व्यापार समझौता जरूरी है. भारत की तरफ से बताया गया कि बातचीत चल रही है. इसी मामले पर अमेरिका का बयान सामने आया कि, चर्चा बहुत उपयोगी रही है, लेकिन कुछ मुद्दों पर अब भी बात बनना बाकी रह गई हैं.




