Nikki Haley : भारत और अमेरिका के बीच व्यापार और टैरिफ को लेकर तनातनी बढ़ चुकी है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगाकर यह सोचा था कि भारत डर जाएगा और झुक जाएगा, लेकिन भारत ने डरने के बजाय अपनी नीति पर मजबूती से टिके रहने का फैसला कर लिया. इसका असर दोनों देशों के अच्छे रिश्तों पर ऐसे पड़ा कि इनके बीच थोड़ी खटास आ गई.
खास बात यह है कि ट्रंप की यह रणनीति अब उन पर ही भारी पड़ती दिख रही है. साथ ही अमेरिका के लोग खुद ट्रंप की आलोचना तक कर रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत निक्की हेली ने भी ट्रंप को चेतावनी दी है, उन्होंने कहा कि भारत जैसे मजबूत और दोस्त देश के साथ रिश्ते खराब करना अमेरिका के लिए सही नहीं है.
इसी के आगे भारतीय मूल की रिपब्लिकन नेता निक्की हेली ने ट्रंप से अपील कर कहा कि, वह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जल्द से जल्द बातचीत करें ताकि रूसी तेल खरीद के मुद्दे पर कोई हल निकाला जा सके. बता दें, अमेरिका और भारत के बीच कमजोर पड़ रहे संबंधों को मजबूत करने वाली निक्की हेली ने कहा कि लोकतांत्रिक भारत दुनिया के लिए खतरा नहीं बल्कि, चीन के मुकाबले में अमेरिका के लिए अहम साझेदार बनने के लायक है.
उन्होंने कहा कि भारत, उत्पादन से लेकर रक्षा तक, रणनीतिक रूप से अमेरिका के लिए किसी शक्तिशाली और मददगार फहरिश्ते से कम नहीं है. इतना ही नहीं भारत-अमेरिका के बीच पनप रही दूरियों को मिटाने के लिए निक्की हेली ने 1982 (उन्नीस सौ बयासी) का जिक्र कर कहा कि इस दौर में अमेरिका के राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का स्वागत करते हुए दोनों देशों की दोस्ती को दो स्वतंत्र लोगों की साझेदारी बताया था. जिस पर हेली ने मुस्कुराते हुए कहा कि जब उस दौर में भारत और अमेरिका की दोस्ती गहरी थी, तो इस दौर में क्यों नहीं...
रिपब्लिकन नेता निक्की हेली की यह टिप्पणी ट्रंप द्वारा भारत के आयात पर 25% टैरिफ और रूस से तेल खरीदने के लिए अतिरिक्त 25% जुर्माना लगाने के फैसले के बाद सामने आई है. निक्की हेली ने अपने एक लेख में लिखा कि, भारत को चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने में एक अहम लोकतांत्रिक साझेदार के रूप में देखा जाना चाहिए. क्योंकि चीन का प्रभाव एशिया में बढ़ रहा है और भारत ही वह देश है जो इसका मुकाबला कर सकता है, यहीं कारण है कि भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और मध्य पूर्व में उसकी बढ़ती सैन्य और सुरक्षा भूमिका अमेरिका के लिए फायदेमंद है.
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भारत की भौगोलिक स्थिति भी चीन के व्यापार और ऊर्जा मार्गों को प्रभावित कर सकती है. ऐसे में बेहतर यहीं होगा कि भारत और अमेरिका के बिगड़ते रिश्ते अभी संभल जाए तो इसमें ही ट्रंप की भलाई है, क्योंकि चीन का सामना करने के लिए अमेरिका को भारत जैसे दोस्त की जरूरत है. नहीं तो भारत की भौगोलिक स्थिति का फायदा लपकने में चीन को जरा भी देर नहीं लगेगी.