
वाराणसी - कमिश्नरेट की तर्ज पर अग्निशमन विभाग का गठन किया जायेगा. इसके तहत जिले में अब तीन चीफ फायर ऑफिसर (सीएफओ) होंगे. खास बात यह है काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए मुख्य अग्निशमन अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी. वहीं, शहर और ग्रामीण को दो जोन में बांटकर मुख्य अग्निशमन अधिकारी नियुक्त होंगे. तीनों अधिकारियों पर उप निदेशक नियुक्त होंगे. उत्तर प्रदेश अग्निशमन और आपात सेवा नियमावली-2024 के तहत प्रस्ताव को सैद्धांतिक सहमति मिल गई है. शासनादेश जारी होने के बाद कार्य में तेजी आएगी.
इस तरह होगी संरचना
नई संरचना के तहत जनपद प्रभारी उप निदेशक एक पद (पुलिस अधीक्षक के समकक्ष), वरिष्ठ मुख्य अग्निशमन अधिकारी – एक पद (अपर पुलिस अधीक्षक के समकक्ष), जो अग्निशमन उप जिला सदर के प्रभारी होंगे, मुख्य अग्निशमन अधिकारी (ग्रामीण) एक पद (पुलिस उपाधीक्षक के समकक्ष), जो अग्निशमन उप जिला ग्रामीण के प्रभारी होंगे. साथ ही मुख्य अग्निशमन अधिकारी (श्री काशी विश्वनाथ मंदिर) एक पद (पुलिस उपाधीक्षक के समकक्ष), जो मंदिर परिसर के फायर सर्विस प्रभारी होंगे. 2021 में धाम कॉरिडोर के लोकार्पण के बाद से रोज हजारो श्रद्धालु पहुंच रहे हैं.
धाम में अत्याधुनिक फायर सेफ्टी उपकरण
सीएफओ आनंद सिंह राजपूत ने बताया कि श्रीकाशी विश्वनाथ धाम परिसर में 1.45 लाख लीटर क्षमता का वाटर टैंक, ऑटोमेटिक जॉकी, इलेक्ट्रिकल और डीजल पंप सिस्टम, 96 फायर हाइड्रेंट, 494 स्मोक डिटेक्टर, 46 हीट डिटेक्टर, और 224 फायर एक्सटिंग्विशर लगाए गए हैं. 50,280 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैले धाम में मुमुक्षु भवन, गेस्ट हाउस, म्यूजियम, लाइब्रेरी और जलपान गृह जैसी कई इमारतें हैं, जहां प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु आते हैं.




