वाराणसीः गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और यह चेतावनी बिंदु से 0.34 मीटर ऊपर पहुंच चुका है. फिलहाल सुबह सात बजे यह 70.60 मीटर पर बह रही है, जबकि खतरे का स्तर 71.262 मीटर है.गंगा अब खतरे के स्तर से केवल 0.66 मीटर नीचे बह रही है और अगर यही स्थिति बनी रही तो जल्द ही यह खतरे के निशान को पार कर जाएगी. पिछले 24 घंटों में गंगा का जलस्तर दो मीटर से अधिक बढ़ गया है, जिससे घाटों और निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है
दोबारा डूबे गंगा तट के हजारों मंदिर
गंगा में पानी के बढ़ाव से अस्सी घाट, मणिकर्णिका घाट, दशाश्वमेध घाट और शीतला मंदिर सहित कई प्रमुख स्थल जलमग्न हो चुके हैं. अस्सी से राजघाट तक हजारों मंदिर बाढ़ के पानी में डूब गए हैं.यह इस मानसून में दूसरी बार है जब वाराणसी में बाढ़ का खतरा पैदा हुआ है, इससे करीब दस हजार लोगों का जनजीवन सीधे-सीधे प्रभावित हो रहा है जबकि कई जगहों पर बाढ़ पीड़ितों ने पलायन करना शुरू कर दिया है.
वरुणा के तटीय क्षेत्रों में खतरा बढ़ा
इसके साथ ही सहायक नदी वरुणा का जलस्तर भी पिछले 24 घंटों में पांच मीटर से अधिक बढ़ गया है. इससे वरुणा तट के इलाके जैसे नक्खी घाट, दीनदयालपुर, पुरानापुल, शक्कर तालाब, उंचवां और हिदायत नगर में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है.
जानकों की माने तो इस बार बाढ़ की स्थिति का मुख्य कारण मध्य प्रदेश और राजस्थान में भारी बारिश, यमुना नदी का उफान और बादल फटने की घटनाएं हैं. प्रयागराज में गंगा और यमुना का जल मिलकर आगे के जिलों भदोही, मीरजापुर, वाराणसी, गाजीपुर और बलिया में तबाही का कारण बन रहा है.