
वाराणसी: गंगा नदी का उफान वाराणसी में लोगों के लिए भारी मुसीबत बन चुका है. महज़ तीन महीने में चौथी बार आई बाढ़ ने जिले के तीन तहसीलों के 90 गांव और शहर के 28 मुहल्लों को अपनी चपेट में ले लिया है. स्थिति इतनी भयावह है कि अब गलियों में नावें चल रही हैं और दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती एवं शवदाह छतों पर होने लगे हैं.

हज़ारों लोग बेघर, सैकड़ों राहत शिविरों में शरणार्थी बने परिवार
बाढ़ के चलते अब तक 1,830 परिवारों के 8,047 लोग बेघर हो चुके हैं. इनमें से 1,006 परिवारों के 4,701 लोग प्रशासन द्वारा बनाए गए राहत शिविरों में पहुंचे हैं, जबकि 624 परिवार अपने रिश्तेदारों और परिचितों के यहां शरण लिए हुए हैं. जिला प्रशासन ने हालात को देखते हुए अब तक 24 राहत शिविर सक्रिय कर दिए हैं.

फसलें जलमग्न, किसानों की चिंता गहराई
गंगा की लहरों ने किसानों की मेहनत पर भी पानी फेर दिया है. अब तक 8,124 किसानों की करीब 2,166 हेक्टेयर खरीफ फसल डूब चुकी है. किसान पहले ही खरीफ सीज़न की तबाही से टूट चुके हैं और अब उन्हें डर है कि रबी की बुआई भी समय पर नहीं हो पाएगी. चिरईगांव क्षेत्र के किसान बताते हैं कि लगातार बाढ़ से खेतों में नमी ज़्यादा है, जिससे बुआई पर संकट मंडरा रहा है.

बढ़ता जलस्तर, हर घंटे बिगड़ रहे हालात
केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार सुबह 10 बजे गंगा का जलस्तर 70.73 मीटर तक पहुँच गया, जो चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर से काफी ऊपर है. धीरे-धीरे यह खतरे के निशान 71.26 मीटर की ओर बढ़ रहा है. अब तक का अधिकतम जलस्तर 73.90 मीटर दर्ज किया गया था. सोमवार की रात गंगा का जलस्तर हर घंटे 2 सेंटीमीटर की दर से बढ़ रहा था.

सारनाथ में घरों में घुसा पानी, गंदगी और बीमारी का खतरा
सारनाथ क्षेत्र के रुप्पनपुर, सलारपुर, पुलकोहना, पुरानापुल और दनियालपुर इलाकों के दर्जनों मकानों में गंगा का पानी घुस चुका है. स्थानीय लोगों का कहना है कि पानी के साथ गंदगी भी आ रही है, जिससे बदबू फैल रही है और मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है. निवासियों का आरोप है कि नगर निगम की ओर से कीटनाशक दवाओं का छिड़काव नहीं किया जा रहा, जिससे बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है.
बचाव कार्य में जुटी एनडीआरएफ और पुलिस
हालात से निपटने के लिए एनडीआरएफ, जल पुलिस और पीएसी की 199 नावें लगाई गई हैं. साथ ही एनडीआरएफ की छह विशेष टीमें लगातार बचाव कार्य में जुटी हैं. गंगा किनारे बसे गांवों से लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाया जा रहा है.
पर्यटन पर भी बाढ़ की मार
वाराणसी के घाटों की रौनक बाढ़ ने फीकी कर दी है. नावें किनारों से बंधी हुई हैं और पर्यटक घाट तक नहीं पहुंच पा रहे. मजबूरी में गंगा आरती दूर से गलियों में खड़े होकर करनी पड़ रही है. यह बाढ़ न सिर्फ लोगों के जीवन को प्रभावित कर रही है, बल्कि खेती, व्यापार और धार्मिक गतिविधियों पर भी गहरा असर डाल रही है. प्रशासन और राहत दल लगातार काम कर रहे हैं, लेकिन गंगा का बढ़ता जलस्तर वाराणसी के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है.





