वाराणसी : गंगा का जलस्तर तेजी से घटने के बाद घाटों पर जमी गाद और कीचड़ की सफाई शुरू हो गई है ताकि यहां गंगा आरती फिर से हो सके और पर्यटकों को गंदगी से निजात मिले. इसके साथ ही घाटों की पुरानी रौनक भी लौटने लगी है.
पंडित ने क्या कहा
वाराणसी में गंगा सेवा निधि के सदस्य पंडित राजू झा ने बताया कि पिछले 3-4 दिनों में गंगा का जलस्तर 15 फीट से ज्यादा घट गया है.पानी उतरने के बाद घाटों पर मिट्टी के बड़े-बड़े ढेर जम जाते हैं. जिससे पवित्र स्नान और अन्य अनुष्ठानों के लिए आने वाले तीर्थयात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
गंगा की सफाई जरूरी है
गंगा सेवा निधि की अगुवाई में टीम घाटों की सफाई के लिए तेज़ी से काम कर रही है. पंडित राजू झा के अनुसार, जलस्तर कम होने से घाटों पर गाद और कीचड़ की परत जम गई है, जिससे श्रद्धालुओं को स्नान में दिक्कत हो रही है. गंगा की पवित्रता बनाए रखने के लिए यह सफाई ज़रूरी है.
इस काम को लेकर गंगा सेवा निधि ने विशेष अभियान शुरू किया है, जिसमें स्थानीय स्वयंसेवक भी लगातार जुटे हुए हैं. पंडित झा ने कहा कि लक्ष्य यह है कि तीर्थयात्रियों को किसी तरह की परेशानी न हो और गंगा की सफाई के साथ-साथ घाटों की सुंदरता भी बरकरार रहे.
जल स्तर घटने से परेशानिया
गंगा का जलस्तर घटने से न सिर्फ श्रद्धालु, बल्कि स्थानीय लोग भी परेशान हैं। घाटों पर जमी गाद और कीचड़ से आसपास का व्यापार प्रभावित हो रहा है.पंडित राजू झा ने बताया कि उनकी टीम इस समस्या को गंभीरता से लेकर मिलकर समाधान की कोशिश कर रही है.
गंगा सेवा निधि के सदस्यों ने सफाई कार्य तेज़ करने के लिए स्थानीय प्रशासन से सहयोग की अपील की है. उनका कहना है कि प्रशासन भी सक्रिय होकर गंगा की सफाई में हाथ बढ़ाए, ताकि यह काम जल्द पूरा हो सके.
भारतीय संस्कृति और धार्मिकता
गंगा नदी भारतीय संस्कृति और आस्था का अहम प्रतीक है. मान्यता है कि इसके जल में स्नान से शुद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसी कारण गंगा की सफाई और उसके जलस्तर को बनाए रखना बेहद ज़रूरी है.
पंडित राजू झा के अनुसार, गंगा की पवित्रता बनाए रखना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है. सभी को मिलकर प्रयास करना होगा, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए गंगा स्वच्छ और निर्मल बनी रहे.
इस तरह, वाराणसी में चल रहा गंगा सफाई अभियान एक अहम पहल है, जो सिर्फ तीर्थयात्रियों ही नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए लाभदायक साबित होगा गंगा सेवा निधि का यह प्रयास गंगा की पवित्रता बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान देगा.