Wednesday, 03 September 2025

अचानक सैलाब के साथ कैसे फटता है बादल, जाने आगे

अचानक सैलाब के साथ कैसे फटता है बादल, जाने आगे
Aug 23, 2025, 01:38 PM
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Posted By Gaandiv

Cloudburst in Hilly Areas: उत्तराखंड एक पहाड़ी राज्य है, जो अपनी ऊँची-ऊँची चोटियों, ग्लेशियरों और खूबसूरत वादियों के लिए जाना जाता है. यहां हर साल देश-विदेश से हजारों पर्यटक घूमने आते हैं, लेकिन इस सुंदरता के पीछे कई मुश्किलों का सामना भी करना पड़ता है. यहां भारी बारिश, भूस्खलन और बादल फटने जैसी घटनाएं आम हो गई हैं. ऐसा ही एक हादसा आज चमोली जिले के थराली कस्बे में हुआ, जहां अचानक बादल फट गया. इस घटना से इलाके में अफरा-तफरी मच गई. लोग डर के मारे अपने घरों से बाहर निकलकर सुरक्षित जगहों की ओर भागने लगे. फिलहाल प्रशासन मौके पर पहुंच चुका है और हालात का जायजा ले रहा है, राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए गए हैं.



बादल फटने से भारी नुकसान का करना पड़ता है सामना


बादल फटने से एसडीएम आवास और तहसील ऑफिस मलबे से ढ़क गया है. दुख की बात तो ये है कि, मलबे में एक युवती के दबे होने की आशंका जताई जा रही है. जबकि, थराली बाज़ार, केदारबगड़, राडिबगड़ से लेकर चेपड़ों गांवों वासियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. इस घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस और प्रशासन की टीमों ने हालात पर काबू पान के लिए फौरन रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है.



जाने बादल फटने की घटना क्यों हुआ इजाफा


बादल फटने की ये घटना कोई पहली बार नहीं, बल्कि इससे पहले भी इस तरह की तबाही ने आतंक मचाया था. गौरतलब है कि, उत्तराखंड के धराली और हर्षिल में बादल फटने से सेना के कैंप प्रभावित हुए, इस घटना में कई लोग लापता भी हुए हैं, जिसके बचाव के लिए सेना ने आनन-फानन रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. विशेषज्ञों के अनुसार, पहाड़ी क्षेत्रों में बादल फटने की घटनाओं में काफी इजाफा हुआ है, खासकर मानसून के दौरान, जिसका मुख्य कारण तापमान में परिवर्तन और जलवायु परिवर्तन होता है. ऐसे मौसम में पहाडी राज्य उत्तराखंड की स्थिति बद से बत्तर होती नजर आती है.



जाने क्यों फटते है बादल


वैज्ञानिकों का मानना है कि, पहाड़ी इलाकों जैसे उत्तराखंड और हिमाचल में बादल फटने की स्थिति तब आती है जब गर्म हवाएं नमी के साथ सीधे पहाड़ी इलाकों की ओर बढ़ती हैं फिर यह वही ऊपर जाने का प्रोसेस शुरू करती हैं. लेकिन यहां पर हवाओं के रुकने का एक सीधा कारण ऊंचे-ऊंचे पहाड़ है, जो कि हवाओं को आगे बढ़ने से रोकते हैं, यहां पर कई सारे बादल एक साथ एकत्र हो जाते हैं, जिससे यह बादल फटने की घटनाएं होती हैं.