
वाराणसी - भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (बीएचयू) और निआगाता विश्वविद्यालय, जापान के बीच दो दिवसीय संयुक्त संगोष्ठी का शुभारंभ आज (सोमवार) संस्थान के सीएफडीईटी समिति कक्ष में हुआ. यह आयोजन दोनों संस्थानों के बीच मौजूदा समझौते के अंतर्गत शैक्षणिक एवं शोध सहयोग को और मजबूत करने के उद्देश्य से किया जा रहा है.
उद्घाटन सत्र में निदेशक-प्रभारी प्रो. एनके मुखोपाध्याय, डीन (अनुसंधान एवं विकास) प्रो. राजेश कुमार तथा प्रोफेसर-इन-चार्ज (अंतरराष्ट्रीय संबंध) प्रो. एसके. सिंह ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज की.
संगोष्ठी के संयोजक डॉ. राकेश कुमार सिंह ने बताया कि इस एमओयू का उद्देश्य शिक्षा में सहयोग, संयुक्त शोध गतिविधियों, व्याख्यानों एवं संगोष्ठियों के आयोजन तथा विद्यार्थियों एवं संकाय सदस्यों के परस्पर आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार की शैक्षणिक साझेदारियाँ न केवल संस्थागत संबंधों को मजबूत करती हैं, बल्कि साझा ज्ञान एवं सांस्कृतिक समझ के माध्यम से दोनों मित्र देशों को भी और पास लाती हैं.
उन्होंने बताया कि इस सहयोग के तहत अब तक आईआईटी के छह शिक्षक और दस विद्यार्थी शैक्षणिक एवं शोध कार्यों के लिए निआगाता विश्वविद्यालय का भ्रमण कर चुके हैं. इसी प्रकार, निआगाता विश्वविद्यालय के सात सदस्य तथा कोबे विश्वविद्यालय, जापान के एक संकाय सदस्य आईआईटी आए और चल रहे एवं भविष्य के शोध परियोजनाओं पर विस्तृत चर्चा की.
अपने दौरे के दौरान जापानी प्रतिनिधिमंडल ने आईआईटी (बीएचयू) के विभिन्न विभागों और अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं का भ्रमण किया. सांस्कृतिक परिचय के हिस्से के रूप में उन्होंने सारनाथ और वाराणसी के घाटों का भी भ्रमण किया, जहाँ उन्होंने क्षेत्र की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को करीब से जाना.
दो दिवसीय यह संगोष्ठी दोनों संस्थानों के बीच आपसी सहयोग को और प्रगाढ़ करने के साथ-साथ उन्नत शोध, छात्र विनिमय और शैक्षणिक विकास में नई संभावनाएँ पैदा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होने की उम्मीद है.




