जोशः काकोरी के वीरों को श्रद्धांजलि में निकाली तिरंगा यात्रा

काकोरी ट्रेन एक्शन के शताब्दी वर्ष और स्वतंत्रता दिवस सप्ताह के अवसर पर देशभक्ति का अद्भुत नजारा देखने को मिला . बंगलाटोला इंटर कॉलेज में इस अवसर पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों, शिक्षकों और स्थानीय लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया .
कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय परिसर में शहीद राजेंद्रनाथ लाहिड़ी और अन्य क्रांतिकारियों के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर हुई . इसके बाद विद्यालय से सोनारपुरा चौहट्टा तक भव्य तिरंगा यात्रा निकाली गई . हाथों में लहराते राष्ट्रीय ध्वज, देशभक्ति के नारे और मार्च करते हुए छात्र-छात्राओं का जोश देखकर माहौल देशभक्ति से सराबोर हो गया . यात्रा का समापन पुनः कॉलेज परिसर में हुआ, जहां सभी ने मिलकर देश की आज़ादी के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले वीरों को नमन किया .
काकोरी ट्रेन एक्शन, देश में क्रांति की चिंगारी फैलाना
कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के इतिहास से जुड़ी एक गौरवशाली बात भी याद की गई . बताया गया कि इस विद्यालय की कक्षा संख्या-3 में कभी महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद, राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाकुल्ला खां और राजेंद्रनाथ लाहिड़ी जैसे अमर बलिदानी अध्ययन कर चुके हैं . इन वीरों ने काकोरी ट्रेन एक्शन के माध्यम से अंग्रेजी हुकूमत को सीधी चुनौती दी थी, जिसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन को आर्थिक रूप से कमजोर करना और देश में क्रांति की चिंगारी फैलाना था .
कार्यक्रम में उपस्थित वक्ताओं ने काकोरी ट्रेन एक्शन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और उसमें शामिल क्रांतिकारियों के साहस की विस्तार से चर्चा की . उन्होंने बताया कि कैसे इन युवाओं ने अपने प्राणों की आहुति देकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त किया .
स्वयंसेवकों ने भी दिया देशभक्ति का संदेश
इसी क्रम में ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत ‘नमामि गंगे’ के स्वयंसेवकों ने भी देशभक्ति का संदेश दिया . उन्होंने वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की जन्मस्थली पर तिरंगा फहराकर उनकी वीरता और बलिदान को याद किया. इस मौके पर विद्यालय के छात्र-छात्राओं, शिक्षक, स्थानीय नागरिक और संगठन के पदाधिकारी मौजूद रहे .
कार्यक्रम का विशेष आकर्षण काकोरी ट्रेन एक्शन की झांकी रही, जिसमें उस ऐतिहासिक घटना का जीवंत चित्रण किया गया . इसे देखकर उपस्थित लोगों की आंखें नम हो गईं और उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों के अदम्य साहस और बलिदान को नमन किया . यह आयोजन न केवल इतिहास को याद करने का माध्यम बना, बल्कि नई पीढ़ी में देशप्रेम की भावना जागृत करने का भी एक महत्वपूर्ण प्रयास साबित हुआ.

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