ये तस्वीरे शेयर कर महुआ मोइत्रा ने फिर मचाया तहलका, भड़की सांसद

Mahua Moitra again created a stir by sharing these pictures, MP got angry
Mahua Moitra: तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने आज शुक्रवार को सोशल मीडिया पर ग्रेटर नोएडा के एक सरकारी गौशाला की तस्वीरें शेयर कर तहलका मचा रखा है. इन तस्वीरों में कई गायें बीमार और कमजोर नजर आ रही हैं. महुआ मोइत्रा ने एक्स पर तस्वीरें पोस्ट करते हुए लिखा, "ये ग्रेटर नोएडा के सरकारी शेल्टर होम का हाल है. गायें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बहुत प्रिय हैं". इन तस्वीरों के सामने आने के बाद यह मामला चर्चा का विषय बन बैठा है. जहां अब ये सवाल उठने लगा है कि गायों की देखभाल के लिए किए गए दावों का क्या हाल है.
"थोड़ी तो शर्म कीजिए"
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने यूपी में बीमार गायों की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए यूपी सरकार पर तंज कसा, उन्होंने यूपी के पशुपालन विभाग को टैग करते हुए लिखा – "थोड़ी तो शर्म कीजिए". इसी के आगे महुआ ने कहा कि ये तस्वीरें किसी और जगह की नहीं, बल्कि उसी यूपी की हैं जहां मुख्यमंत्री खुद को गायों का बड़ा भक्त बताते हैं. वो अक्सर कहते हैं कि गायों की सेवा में हम कोई कमी नहीं होने देंगे. फिर भी गायें बीमार और बेसहारा नजर आ रही हैं.
"गायों की असली हालत पर ध्यान दें योगी जी"
ऐसे में सांसद महुआ मोइत्रा ने सवाल उठाया कि जब गायों की देखरेख के लिए हर साल लाखों-करोड़ों रुपये का बजट तैयार किया जाता है, उसके बाद भी गायों की हालत ऐसी हैं, आखिर क्यों? हालांकि, भाजपा इन तस्वीरों को झूठा साबित करने के लिए कुछ भी बहाने बनाये, मगर ये तस्वीरे साफ तौर पर यूपी सरकार की लापरवाही को उजागर करती है. वहीं बीमार पशुओं की हालत देख महुआ मोइत्रा ने यूपी सरकार से अपील कर कहा कि गायों की असली हालत पर ध्यान दें तो ज्यादा बेहतर होगा, न कि सिर्फ फाइलों और भाषणों में उनकी सेवा दिखाने की कोशिश करें.
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गौवंश सरक्षण पर चर्चा कई बार, लेकिन नतीजा नहीं
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने यूपी की गायों और उनके आश्रय केंद्रों की व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं. हालांकि, यह कोई नया मामला नहीं है, इससे पहले भी कई बार इस मुद्दे को उठाया जा चुका है. जी हां, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी कई बार सड़कों पर घूम रही आवारा पशुओं की समस्या को लेकर आवाज़ उठा चुके हैं.जिसका नतीजा आज तक कुछ नहीं निकला.
यहां तक अखिलेश यादव ने कहा है कि यह समस्या आम लोगों के लिए परेशानियों का कारण बन रही है. यह मुद्दा केवल सड़कों तक ही नहीं रहा, बल्कि विधानसभा में भी इस मुद्दे ने जोर पकड़ा, जिस पर कई दिनों तक बहस छिड़ी रही. विपक्ष का कहना है कि सरकार को गायों के लिए आश्रय केंद्रों की व्यवस्था को बेहतर बनाने की ज़रूरत है. ताकि ये छुट्टा पशु सड़कों के बजाय अपने आश्रय में रहे तो ज्यादा बेहतर होगा.




