
वाराणसी : जिले के प्रभारी और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना शुक्रवार को उस वक्त हतप्रभ रह गए जब औचक निरीक्षण के दौरान उन्हें पोखरे की जगह मकान और शौचालय में खाना पकता मिला. नगर निगम की लापरवाही देख प्रभारी मंत्री का गुस्सा फूट पड़ा. दरअसल, अपने तय कार्यक्रम से हटकर जब मंत्री अचानक सिकरौल वार्ड पहुंचे, तो वहां निरीक्षण के दौरान मंत्री ने देखा कि जिस जगह पर सार्वजनिक पोखरा (तालाब) होना चाहिए, वहां अब मकान खड़े हैं. नगर निगम का बोर्ड तो लगा था, लेकिन तालाब का ज्यादातर हिस्सा कब्जे में था. जब मंत्री ने स्थानीय लोगों से पूछा, तो उन्होंने बताया कि कब्जा लगातार बढ़ रहा है और शिकायतों के बावजूद निगम कोई कार्रवाई नहीं करता.
कूड़े का ढेर, बहता सीवर और टूटी इंटरलॉकिंग
इसके बाद मंत्री सार्वजनिक शौचालय की ओर गए, जहां जर्जर दीवारों के बीच खाना बनता मिला। आस-पास कूड़े का ढेर, बहता सीवर और टूटी इंटरलॉकिंग देखकर मंत्री ने नाराजगी जताई. सुरेश खन्ना ने कहा कि यह स्थिति बेहद चिंतनीय है, क्योंकि यह इलाका नगर आयुक्त के आवास से मात्र 200 मीटर की दूरी पर है. उन्होंने टिप्पणी की- चिराग तले अंधेरा है.
जैसे ही नगर निगम को मंत्री के औचक निरीक्षण की सूचना मिली, कर्मी ट्रैक्टर लेकर सफाई में जुट गए. मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष और एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, भाजपा नेता अरुण सिंह, पूर्व पार्षद दिनेश यादव और विपिन सिंह भी मौजूद रहे.
कार्रवाई के निर्देश
मंत्री ने मौके पर ही अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि सफाई व्यवस्था और सार्वजनिक भूमि पर अवैध कब्जे पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि गंदगी के लिए सुपरवाइजर और इंटरलॉकिंग कार्य में लापरवाही के लिए जेई पर कार्रवाई की जाएगी. मंत्री के निरीक्षण से नगर निगम कर्मियों में हडकंप मचा हुआ है.




