वाराणसी : बाढ़ के कारण प्रभावित हुए वाराणसी के विभिन्न क्षेत्रों में अब पानी का स्तर धीरे-धीरे घटने लगा है. इसके साथ ही नगर निगम ने साफ-सफाई व्यवस्था के साथ कीटनाशक दवाओं के छिड़काव की प्रक्रिया को और तेज कर दिया है. नगर आयुक्त अक्षत वर्मा के निर्देशन में नगर निगम की टीमें बाढ़ग्रस्त इलाकों में लगातार सफाई अभियान चला रही हैं. महापौर अशोक कुमार तिवारी ने भी स्पष्ट किया है कि जैसे ही पानी कम हो रहा है, वैसे ही सफाई और कीट नियंत्रण का कार्य तत्काल शुरू कर दिया जा रहा है, ताकि संक्रामक रोगों को फैलने से रोका जा सके. उन्होंने इसे नगर निगम की "पहली प्राथमिकता" बताया.
कहां-कहां की जा रही साफ- सफाई
नगर के सुजाबाद, डोमरी से लेकर सामने घाट तक और मणिकर्णिका घाट, सतुआ बाबा आश्रम, दशाश्वमेध घाट, शीतला घाट, अस्सी घाट, कोनिया और बेलवारिया जैसे इलाकों में नगर निगम की टीमें लगातार सफाई कर रही हैं. अपर नगर आयुक्त सविता यादव की निगरानी में राहत कार्यों को दिन-रात अंजाम दिया जा रहा है. इस दौरान सिल्ट हटाने के साथ-साथ सोडियम हाइपो क्लोराइट, चूना, ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव और फॉगिंग का कार्य भी किया जा रहा है. दूसरी ओर शीतला घाट जैसे प्रमुख स्थानों पर जमी हुई मिट्टी की सफाई में निगम अपनी पूरी ताकत झोंक चुका है.वहीं रामेश्वर मठ, सोनकर बस्ती आदि इलाकों में कूड़े के निस्तारण के तुरंत बाद दवाओं का छिड़काव सुनिश्चित किया जा रहा है.
बाढ़ राहत शिविरों से लौटने लगे घर
नगर निगम द्वारा संचालित बाढ़ राहत शिविरों से अब लोग अपने घरों की ओर लौटने लगे हैं. इसी क्रम में नगर निगम यह सुनिश्चित कर रहा है कि लौटते समय उन्हें एक साफ-सुथरा और रोगमुक्त वातावरण मिले.
नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने बताया कि जब तक सभी प्रभावित क्षेत्रों की सफाई पूर्ण नहीं हो जाती, नगर निगम 24 घंटे यह अभियान जारी रखेगा. उन्होंने दोहराया कि संक्रामक रोगों से बचाव ही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.