Varanasi: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में नए आयकर बिल को पेश करेंगी. यह बिल पिछले हफ्ते पेश किया गया था लेकिन लोकसभा स्थगित हो गई थी. इसके चलते आज एक बार फिर लोकसभा में वित्तमंत्री इस बिल को लोकसभा के पटल पर बिल रखेंगी. कहा जा रहा है कि यह नया बिल आयकर बिल अधिनियम 1961 की जगह लेगा.
पुराने बिल से लगा होगा नया बिल...
कहा आज रहा है कि नया आयकर बिल पुराने बिल से बिलकुल अलग होगा, क्योंकि इसमें काफी बदलाव किए गए हैं. लोकसभा चयन समिति की अध्यक्षता करने वाले बीजेपी नेता बैजयंत पांडा ने आयकर बिल में 285 सुझाव दिए हैं, जिन्हें सरकार ने स्वीकार कर लिया है. बताया गया कि आयकर से जुड़े पुराने बिल को लेकर काफी कन्फ्यूजन है, इसलिए अब इसका नया वर्जन पेश किया जाएगा.
नए आयकर बिल की 10 बड़ी बातें...
नया बिल पुराने 1961 के आयकर कानून की जगह लेगा. ये आकार में लगभग आधा है और जटिलताओं को दूर करने वाला है. इसमें सिर्फ 2.6 लाख शब्द और 536 धाराएं हैं, जबकि पुराने कानून में 5.12 लाख शब्द और 819 धाराएं थीं. अध्यायों की संख्या 47 से घटाकर 23 कर दी गई है.
नया टैक्स स्लैब: ₹0–4 लाख तक कोई टैक्स नहीं, ₹4–8 लाख पर 5%, ₹8–12 लाख पर 10%, ₹12–16 लाख पर 15%, ₹16–20 लाख पर 20%, ₹20–24 लाख पर 25% और ₹24 लाख से ऊपर 30% टैक्स लगेगा.
सेक्शन 87A के तहत छूट सीमा अब ₹60,000 हो गई है. इसकी वजह से ₹12 लाख तक की टैक्स योग्य आय वालों को टैक्स नहीं देना होगा.
अब सिर्फ ‘कर वर्ष’ (Tax Year) रहेगा, जिससे जिस साल आय अर्जित होगी उसी साल टैक्स देना होगा. इससे ट्रांसपेरेंसी बढ़ेगी.
निजी पेंशन योजनाओं में एकमुश्त निकासी पर अब सरकारी योजनाओं की तरह टैक्स छूट मिलेगी. पहले सिर्फ सरकारी कर्मचारियों को इस राहत का फायदा मिलता था.
सारे छूट और रिफंड प्रावधान, जैसे टीडीएस/टीडीसीएस, अब सारणी में साफ दिए गए हैं ताकि करदाता को अधिक स्पष्टता मिले.
आईटीआर फाइलिंग के बाद भी बिना जुर्माना टीडीएस रिफंड क्लेम कर सकेंगे.
गैर-लाभकारी संगठनों व धार्मिक ट्रस्टों को मिलने वाले गुमनाम दान पर टैक्स छूट जारी रहेगी.
चयन समिति की 285 सिफारिशों को पूर्णतः बिल में शामिल किया गया है. ये आम करदाता के लिए लाभदायक होगा.