वाराणसी: बनारस में लगातार बढ़ रही प्रदूषण समस्या ने निजात पाने के लिए नगर निगम एक नई पहल शुरू करने जा रहा है. जल्द ही दिल्ली की तर्ज पर यहां भी ‘रेड लाइट ऑन- गाड़ी ऑफ’ अभियान लागू किया जाएगा. इसका उद्देश्य शहर की हवा को स्वच्छ बनाना और प्रदूषण को कम करना है .
क्या है यह अभियान ?
यह अभियान वाराणसी नगर निगम द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में चलाया जाएगा. नगर आयुक्त अक्षत वर्मा के अनुसार, इस अभियान का परीक्षण पिछले दिनों मलदहिया चौराहे पर किया गया था, जो काफी सफल रहा . सकारात्मक परिणाम मिलने के बाद अब इसे पूरे शहर में लागू करने का निर्णय लिया गया है. इस अभियान के तहत कार, टैक्सी और दोपहिया वाहन चालकों को जागरूक किया जाएगा कि अगर वे रेड लाइट पर 10 सेकंड से ज्यादा समय के लिए रुकते हैं, तो उन्हें अपनी गाड़ी बंद कर देनी चाहिए.
क्यों जरूरी है यह पहल ?
वाराणसी में प्रदूषण कम करने के लिए पहले से कई कदम उठाए जा चुके हैं, जैसे सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के साथ-साथ गंगा में मोटर बोटों को सीएनजी से चलाया जाना आदि. फिर भी, शहर में हजारों पुरानी माडल की डीजल गाड़ियां काला धुआं छोड़ रही हैं, जिससे वायु प्रदूषण बढ़ रहा है .इस समस्या से निपटने के लिए नगर निगम ने ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर इस अभियान को बनारस में जल्द से जल्द लागू करने का फैसला किया है .
अभियान के फायदे ..
नगर आयुक्त के अनुसार, यह अभियान कई तरह से लाभदायक होगा.
1. ईंधन की बचत – शहर में रोज़ाना लगभग प्रत्येक वाहन चालक को 5-8 ट्रैफिक सिग्नल पर रुकना पड़ता है. अगर ये हर जगह 2 मिनट तक भी अपने वाहन का इंजन स्टार्ट रखते हैं, तो दिन में 10-20 मिनट का ईंधन बेवजह जल जाता है .गाड़ी बंद करने से जहां यह बर्बादी रुक जाएगी वहीं इन वाहनों से निकले वाले धुएं से प्रदूषण काफी कम होगा.
2. प्रदूषण में कमी – गाड़ी बंद करने से धुआं निकलना बंद होगा, जिससे हवा साफ़ होगी और लोगों को स्वच्छ वातावरण मिलेगा.
3. जागरूकता बढ़ाना – यह पहल लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करेगा वहीं उन्हें अपने वाहन का तेल बचाने में भी मदद करेगा. लोग खुद आगे आकर अपने शहर की हवा को शुद्ध रखने में योगदान देंगे.
नगर आयुक्त के अनुसार यह अभियान सिर्फ प्रदूषण को कम करने का एक तरीका नहीं है, बल्कि यह बनारस को एक स्वच्छ और संपन्न शहर बनाने की दिशा में एक अहम कदम साबित होगा.