वाराणसीः देश में ऑनलाइन शॉपिंग का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है .अब सिर्फ महानगरों और बड़े शहरों में ही नहीं, बल्कि ग्रामीण इलाकों के लोग भी तेजी से ऑनलाइन खरीदारी करने लगे हैं. हालांकि, ऑनलाइन बाजार के विस्तार के साथ एक बड़ी समस्या भी सामने आई है और वह है नकली और जाली सामान की बिक्री .
नकली सामान की शिकायतें बढ़ीं
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2025 के पहले छह माह में नकली उत्पादों की शिकायतें पिछले वर्ष की तुलना में डेढ़ गुना तक बढ़ गई हैं. इस साल 30 जून तक कुल 7,221 शिकायतें दर्ज की गईं, जबकि वर्ष 2024 में यह संख्या 4,997 और 2023 में केवल 2,211 थी.
बीआईएस की कार्रवाई
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) उपभोक्ताओं को नकली सामान से बचाने के लिए लगातार छापेमारी और जब्ती अभियान चला रहा है .वित्त वर्ष 2024-25 में बीआईएस ने ई-कॉमर्स वेबसाइटों के गोदामों पर कुल 22 तलाशी अभियान चलाए. इसी साल मार्च में, चार हजार से ज्यादा नकली उत्पाद जब्त किए गए.
किस श्रेणी में सबसे ज्यादा नकली सामान
उपभोक्ता मामलों की विशेषज्ञ शीतल कपूर का कहना है कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर सबसे ज्यादा नकली लक्जरी ब्रांड के उत्पाद बिकते हैं. इनमें परफ्यूम, सौंदर्य प्रसाधन और खाने-पीने की चीजें सबसे प्रमुख हैं. इसके अलावा जूतों और सुगंधित वस्तुओं की श्रेणी में भी नकली सामान की तादाद सबसे अधिक है.
राज्यवार स्थिति (शिकायतें)
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन के आंकड़ों के अनुसार विभिन्न राज्यों में शिकायतों की संख्या हर साल तेजी से शिकायतों की संख्या बढ़ रही है. दिल्ली में 2023 में 207 शिकायतें दर्ज हुई थीं, जो 2024 में बढ़कर 447 हो गईं और 2025 के जून तक ही 512 तक पहुंच गईं. बिहार में 2023 में 120 शिकायतें थीं, जो अगले साल 272 और 2025 के जून तक बढ़कर 460 हो गईं. झारखंड की स्थिति भी चिंताजनक है, यहां 2023 में 37 शिकायतें दर्ज हुईं, 2024 में यह बढ़कर 81 और 2025 के जून तक 115 हो गईं.
सबसे ज्यादा बढ़ोतरी उत्तर प्रदेश में देखी गई है.यहां 2023 में 272 शिकायतें थीं, जो 2024 में 618 और 2025 के जून तक 1,039 तक पहुंच गईं. वहीं उत्तराखंड में 2023 में 20 शिकायतें दर्ज हुईं, जो 2024 में 49 और 2025 के जून तक 78 तक पहुंच गईं. इन आंकड़ों से साफ है कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर नकली सामान की समस्या लगातार गंभीर होती जा रही है और उपभोक्ताओं को इसके प्रति अधिक सतर्क रहने की जरूरत है.
जागरूकता ही बचाव
विशेषज्ञों का मानना है कि ऑनलाइन शॉपिंग के बढ़ते दायरे के साथ सरकार और उपभोक्ताओं की चुनौतियां भी बढ़ रही हैं. सरकार को जहां इस पर रोक लगाने के लिए कड़े कानून बनाने होंगे, वहीं उपभोक्ताओं को भी सतर्क रहना होगा.
सर्वे रिपोर्ट
एक हालिया सर्वे में पाया गया कि वर्ष 2024 में 20 फीसदी ऑनलाइन खरीदारों को कम से कम एक बार नकली या जाली उत्पाद मिला. इनमें सबसे अधिक प्रतिशत जूते, कॉस्मेटिक्स और परफ्यूम श्रेणियों का है .