वाराणसी: ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने के लिए जिला प्रशासन और एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) एक बड़ी सड़क परियोजना पर काम शुरू कर चुके हैं. इसके तहत विश्वसुंदरी पुल (मारुतिनगर कॉलोनी के पास) से लेकर रिंग रोड पर निर्माणाधीन गंगा पुल तक लगभग 15 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड फोरलेन सड़क बनाने की योजना है. इस सड़क की डीपीआर (विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार की जा रही है और एनएचएआई को इस परियोजना का नोडल एजेंसी बनाया गया है.
गंगा किनारे से गुजरेगी सड़क
यह एलिवेटेड सड़क गंगा किनारे बनाई जाएगी. चूंकि यहां पर्याप्त जमीन उपलब्ध है, इसलिए भूमि अधिग्रहण की दिक्कत नहीं आएगी. योजना के तहत सड़क विश्वसुंदरी पुल से शुरू होकर सामने घाट पुल तक जाएगी. सामने घाट पर एक समानांतर पुल भी बनाया जाएगा, जिससे रामनगर और चंदौली की ओर जाने वाले वाहनों को आसानी होगी.
नमो घाट तक सड़क और बीएचयू कनेक्टिविटी
सामने घाट से यह एलिवेटेड सड़क नमो घाट तक पहुंचेगी, जिसकी लंबाई लगभग साढ़े छह किलोमीटर होगी. इसके बाद सामने घाट से बीएचयू तक करीब डेढ़ किलोमीटर मौजूदा सड़क का चौड़ीकरण कर फोरलेन किया जाएगा. यह हिस्सा इस समय दो लेन का है और ट्रामा सेंटर, लंका व बीएचयू जाने का मुख्य रास्ता होने के कारण अक्सर जाम की स्थिति रहती है. नई सड़क बनने पर राजातालाब से बीएचयू तक जाने वाले वाहन बिना शहर में घुसे ही सीधे पहुंच सकेंगे.
रिंग रोड और अन्य हाईवे से जुड़ाव
यह परियोजना केवल एक सड़क तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि कई बड़े नेशनल हाईवे और रिंग रोड से भी जुड़ेगी. करीब 60 किलोमीटर के रिंग रोड नेटवर्क को यह एलिवेटेड रोड जोड़ेगी .इसके जरिए प्रयागराज-वाराणसी (एनएच-19), आज़मगढ़-वाराणसी, वाराणसी-लखनऊ (एनएच-56), वाराणसी-गोरखपुर (एनएच-29) जैसे कई राष्ट्रीय राजमार्ग सीधे कनेक्ट होंगे.
तकनीकी पहलू
एलिवेटेड सड़कें सामान्य सड़कों से ऊपर बनाई जाती हैं और इन्हें गर्डर्स व डेक स्लैब से जुड़े पिलर्स पर खड़ा किया जाता है. इससे जमीन पर चल रहे ट्रैफिक पर दबाव कम होता है और ऊपर से वाहनों को निर्बाध आवागमन की सुविधा मिलती है.
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प्रशासन की उम्मीदें
मंडलायुक्त एस. राजलिंगम के अनुसार, फिलहाल परियोजना प्राथमिक स्तर पर है, लेकिन धरातल पर उतरते ही वाराणसी के लोगों को बड़े पैमाने पर लाभ मिलेगा. ट्रैफिक जाम की समस्या में भारी कमी आएगी और लंबी दूरी के वाहनों को शहर में घुसने की जरूरत नहीं पड़ेगी.