
21 अक्टूबर का दिन देशभर में पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह दिन उन वीर पुलिसकर्मियों की अमर गाथा को याद करने का अवसर है, जिन्होंने राष्ट्र की सुरक्षा और जनता की शांति के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी. यह केवल एक तिथि नहीं, बल्कि त्याग, कर्तव्यनिष्ठा और साहस की प्रतीक स्मृति है.

सीमाओं से लेकर शहरों की गलियों तक, पुलिस कर्मी बिना भेदभाव के हर नागरिक की रक्षा में दिन-रात तत्पर रहते हैं. वे त्योहारों पर भी अपने परिवार से दूर रहकर समाज की खुशियाँ सुरक्षित रखते हैं. उनकी वर्दी सिर्फ कपड़ा नहीं, बल्कि ज़िम्मेदारी, समर्पण और बलिदान की मिसाल है.

पुलिस लाइन में श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन
इस मौके पर मंगलवार को पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर रिजर्व पुलिस लाइन, कमिश्नरेट वाराणसी में श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया . इस अवसर पर देश की आंतरिक सुरक्षा, कानून-व्यवस्था एवं जनसेवा के लिए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीद पुलिसकर्मियों को नमन किया गया. इस मौके पर पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि “पुलिस बल की गौरवशाली परंपरा त्याग, अनुशासन और कर्तव्यनिष्ठा से ओत-प्रोत रही है. जनसेवा के उच्च आदर्शों को आत्मसात करते हुए अपने कर्तव्य पथ पर प्राणों की आहुति देने वाले हमारे शहीद पुलिसकर्मी सदा अमर रहेंगे. उनका अदम्य साहस और देशभक्ति हमें सदैव प्रेरित करते रहेंगे” .

10 जवानों ने प्राप्त की थी वीरगति
गौरतलब है कि 21 अक्टूबर 1959 को लद्दाख के हॉट स्प्रिंग क्षेत्र में भारत-तिब्बत सीमा पर गश्त कर रही केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की टुकड़ी पर चीनी सैनिकों द्वारा घात लगाकर हमला किया गया था. इस अप्रत्याशित हमले में 10 वीर जवानों ने वीरगति प्राप्त की जबकि 7 अन्य जवान घायल हुए थे. मातृभूमि की रक्षा में दिए गए इन वीर जवानों के सर्वोच्च बलिदान की स्मृति में प्रतिवर्ष 21 अक्टूबर को पूरे देश में “पुलिस स्मृति दिवस” के रूप में मनाया जाता है.





