
वाराणसी - रामनगर थाना क्षेत्र के सुल्तानपुर गांव में रविवार की रात ग्राम प्रधान से विवाद के बाद बवाल हो गया. इस दौरान ग्रामीणों ने पुलिस पर जमकर पथराव किया जिससे दारोगा पंकज पांडेय, जैतपुरा थानाध्यक्ष के चालक हेड कांस्टेबल जगदीश कुमार, कांस्टेबल गौरव मिश्रा सहित आठ लोग घायल हो गए. अराजक भीड़ ने रामगनर, लंका और जैतपुरा थानाध्यक्षों की गाड़ियों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया. हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठियां भांजकर भीड़ को तितर-बितर करना पड़ा.

37 आरोपित गिरफ्तार
पुलिस ने देर रात तक जबरदस्त छापेमारी की कार्रवाई करते हुए 37 लोगों को गिरफ्तार कर लिया, जिनमें 10 महिलाएं शामिल हैं. सूचना पर डीसीपी काशी जोन गौरव वंशवाल, एसीपी कोतवाली अतुल अंजान त्रिपाठी और आसपास के दस थानों की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची. घायलों को उपचार के लिए राजकीय अस्पताल रामनगर में भर्ती कराया गया. पथराव करने वाले लोगों को पकड़ने गयी पुलिस द्वारा घर में तोड़फोड़ व महिलाओं को पीटने के आरोप लग रहे हैं.

जाने पूरा मामला
सुल्तानपुर गांव में शनिवार शाम से पेयजल आपूर्ति बाधित थी. रविवार सुबह ग्रामीण विशेष मौर्य ग्राम प्रधान रितु देवी के घर पहुंचे और जलापूर्ति शुरू कराने की मांग की. प्रधान प्रतिनिधि मान सिंह ने बताया कि पाइप लाइन में लीकेज है, जिससे दूषित पानी जा सकता है. इसी बात पर दोनों में विवाद और मारपीट हो गई.
इसके बाद विशेष मौर्य और उनके साथी रोहित मौर्य ने ग्रामीणों को बुला लिया और प्रधान पक्ष से झड़प हो गई. प्रधान की तहरीर पर पुलिस ने चार लोगों — विशेष, रोहित और दो अन्य को गिरफ्तार कर लिया.
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इस गिरफ्तारी से नाराज ग्रामीण दुर्गामंदिर-पंचवटी मार्ग पर सुबह से ही धरने पर बैठ गए. जाम लगाकर वे प्रधान की माफी और आरोपियों की रिहाई की मांग करने लगे. शाम तक कई बार पुलिस ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन रात करीब 8:30 बजे ग्रामीणों ने अचानक पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. भीड को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पडा.




