वाराणसी: काशी में अब मेट्रो ट्रेन दौड़ाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके संचालन को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है. जिला प्रशासन ने राइट्स और अन्य विशेषज्ञ कंपनियों से सर्वे कराने के लिए बातचीत शुरू कर दी है. योजना है कि अगर सब कुछ तय समय पर चलता रहा तो इस साल के अंत तक मेट्रो का सर्वे शुरू हो जाएगा.
शहर का बढ़ता विस्तार और मेट्रो की जरूरत
वर्ष 2014 के बाद से वाराणसी शहर लगातार फैल रहा है. पिंडरा, चोलांपुर और चौबेपुर तक नए आवासीय और व्यावसायिक क्षेत्र विकसित हुए हैं. आसपास के कई गांवों में भी कॉलोनियां, उद्योग और व्यापारिक प्रतिष्ठान तेजी से बढ़ रहे हैं. आने वाले समय में रिंग रोड और वाराणसी–प्रयागराज राजमार्ग के किनारे खेल स्टेडियम, अस्पताल और औद्योगिक इकाइयां भी शुरू होने जा रही हैं.साथ ही, गंगा पर राजघाट पुल के समानांतर सिक्स-लेन पुल बनने के बाद रामनगर और पड़ाव जैसे क्षेत्र सीधे शहर से जुड़ जाएंगे. ऐसे में सुगम यातायात और तेज रफ्तार सार्वजनिक परिवहन के लिए मेट्रो को बेहद जरूरी माना जा रहा है.
नवंबर में रोपवे परियोजना का लोकार्पण
जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने बताया कि शहर में चल रही रोपवे परियोजना का लोकार्पण नवंबर के अंत तक कर दिया जाएगा. इसके लिए कार्यदाई संस्था को अंतिम समयसीमा दी जा चुकी है. यह परियोजना किसी हिस्से में नहीं बल्कि एक साथ शुरू होगी. इसके संचालन और प्रबंधन की तैयारी अभी चल रही है.
मेट्रो और अन्य यातायात साधनों का एकीकरण
डीएम ने बताया कि वाराणसी में मेट्रो संचालन को भविष्य की जरूरत मानकर इसकी तैयारी तेज की जा रही है. योजना है कि मेट्रो को शहर के बाहरी हिस्सों और मुख्य राजमार्गों से जोड़ा जाए, ताकि लोगों को कहीं आने-जाने में दिक्कत न हो.
इसके लिए कैंट स्टेशन को मल्टी-मोडल टर्मिनल बनाया जाएगा. यानी कैंट से ही मेट्रो, ट्रेन, रोपवे और एसी बस सेवाओं को जोड़ा जाएगा. यहां एक इंटीग्रेटेड कॉरिडोर तैयार होगा, जिससे यात्रियों को शहर के किसी भी हिस्से में आसानी से जाने की सुविधा मिलेगी.