
Prime Minister Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रविवार को शाम पांच बजे देशभर को संबोधित करेंगे. इस दौरान वह कई बड़े ऐलान भी कर सकते हैं. हालांकि, पीएम मोदी का आज देश को संबोधित करना काफी खास हो सकता है, क्योंकि इस संबोधन के दूसरे दिन यानी 22 सितंबर 20025 सोमवार को शारदीय नवरात्रि की शुरूआत भी हो रही है. जो अपने आप से काफी खास है. ऐसे में ये माना जा रहा है कि, पीएम मोदी शारदीय नवरात्रि की देशभर को शुभकामनाएं भी दे सकते है. इससे भी बड़ी बात तो ये है कि, नवरात्रि के पहले दिन से जीएसटी की नई दरें भी लागू होने वाली हैं. जिसे लेकर पीएम मोदी देश को संबोधित कर सकते है.

आज शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन को लेकर ये कहा जा रहा है कि वह कई बड़े ऐलान भी कर सकते हैं, हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि पीएम मोदी अपने संबोधन में किस विषय पर बोलेंगे.

आपको बता दें, GST जिसका फुल फॉर्म गुड्स एंड सर्विस टैक्स है. वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया गया एक अप्रत्यक्ष टैक्स होता है. यह हर वैल्यू एडिशन पर लगाया जाने वाला एक मल्टी-स्टेज, डेस्टिनेशन-ओरिएंटेड टैक्स है, यह कई अप्रत्यक्ष टैक्स जैसे VAT, एक्साइज़ ड्यूटी, सर्विस टैक्स आदि को रिप्लेस करता है. पूरे भारत में वस्तुओं और सेवाओं पर लगने वाले सभी अप्रत्यक्ष टैक्स को एक ही कानून के अंतर्गत लाया गया है. इस व्यवस्था में, बिक्री के हर प्वाइंट पर टैक्स लगाया जाता है.

दुनिया में जीएसटी की शुरुआत सबसे पहले 1954 में फ्रांस में हुई थी। धीरे-धीरे यह टैक्स मॉडल सफल साबित हुआ और आज लगभग 160 से अधिक देशों में लागू है. भारत में इसकी चर्चा साल 2000 में शुरू हुई, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने एक समिति गठित की. इसी समिति को जीएसटी का खाका तैयार करने की जिम्मेदारी दे दी गई. लगभग 17 साल तक लगातार चर्चाओं के बाद से 1 जुलाई 2017 की आधी रात को संसद भवन में जीएसटी पास किया गया था. तभी से जीएसटी को ‘वन नेशन, वन टैक्स’ का नाम दिया गया.

भारत जैसे बड़े देश में पहले टैक्स व्यवस्था बहुत जटिल थी. केंद्र और राज्यों दोनों के अलग-अलग टैक्स थे, जैसे एक्साइज ड्यूटी, वैट, सर्विस टैक्स, हाउस टैक्स, एंट्री टैक्स, आदि. इन सबकी वजह से व्यापारी और उपभोक्ता दोनों को दिक्कतें आती थीं. इस तरह के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों के कारण ही जीएसटी को लाया गया था.




