नई दिल्ली: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा फिर से फिलिस्तीन को लेकर चर्चाओं में छाई हुई हैं. जी हां, प्रियंका गांधी ने गाजा पर टिप्पणी करते हुए इजरायल की जमकर आलोचना की है. फिलिस्तीन में इजरायल के हमलों को लेकर उन्होंने निशाना साधते हुए आज मंगलवार को सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर इजरायल पर नरसंहार का आरोप लगाया है. प्रियंका ने इस पूरे मामले में भारत की चुप्पी पर भी सवाल उठाया है. वहीं, प्रियंका के इस ट्वीट पर इजरायल की भी कड़ी प्रतिक्रिया आई है. भारत में इजरायल के राजदूत ने प्रियंका के ट्वीट को शर्मनाक बताया है.
अपने बयानों में प्रियंका गांधी चुप नहीं बैठी. इसी के आगे उन्होंने ये भी कहा कि, इजरायल नरसंहार कर रहा है. उसने 60,000 से ज़्यादा लोगों की हत्या की है, जिनमें 18,430 बच्चे थे. आगे लिखा कि उसने सैकड़ों लोगों को भूख से मार डाला है, जिनमें कई बच्चे भी शामिल हैं और लाखों लोगों के भूख से मरने का खतरा है. चुप्पी साधकर और निष्क्रियता से इन अपराधों को बढ़ावा देना अपने आप में एक अपराध है. प्रियंका ने लिखा कि यह शर्मनाक है कि भारत सरकार चुप बैठी है जबकि इजरायल फिलिस्तीन के लोगों पर यह तबाही मचा रहा है.
प्रियंका गांधी के इस विवादित ट्वीट पर भारत में इजरायल के राजदूत रुवेन अजार आगबबूला होते हुए अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा कि बड़ी ही शर्मनाक बात तो आपकी धोखेबाजी है. क्योंकि, इजरायल ने 25,000 हमास आतंकवादियों को मार गिराया. मानव जीवन की भयानक कीमत हमास की नागरिकों के पीछे छिपने की घिनौनी चालों, पलायन करने या सहायता प्राप्त करने की कोशिश कर रहे लोगों पर गोलीबारी और रॉकेट हमलों के कारण हुई है.
सांसद प्रियंका को मुहंतोड़ जवाब देते हुए रुवेन ने कहा कि इजरायल ने गाजा में 20 लाख टन भोजन पहुंचाया, जो आपको दिखा नहीं, जबकि हमास उसे जब्त करने की कोशिश कर रहा है, जिससे देश में भुखमरी पैदा हो रही है. पिछले 50 सालों में गाजा की आबादी 450% बढ़ी है, वहां कोई नरसंहार नहीं हुआ है. हमास के आंकड़ों पर यकीन मत कीजिए,
वहीं भारत में इजरायल के राजदूत रुवेन अजार ने प्रियंका गांधी को लताड़ लगाते हुए कहा कि, प्रियंका गांधी के ट्विट से तो ये साफ लगता है कि मदद करने वाला इजरायल उनकी आंखों में इस तरह चुभ रहा है जैसे कि वो सच में कातिल है. जबकि गुनहगार हमास है जिसका विरोध करने की बजाय प्रियंका वाड्रा उसकी नेकी गा रही है. जहां कांग्रेस पर कटाक्ष कर रुवेन ने कहा कि, महासचिव प्रियंका गांधी हमेशा से ही गाजा में इजरायल की कार्रवाई के खिलाफ आवाज उठाती रही हैं और फिलिस्तीन के साथ एकजुटता का व्यवहार करती नजर आई है. ऐसे में ये साफ जाहिर होता है कि देश का भला न चाहकर वो राजनीति ही करना चाहती है तो कम से कम डाटा की तो सही जानकारी रखे, उसे बढ़ा-चढ़ाकर बताने की बजाय सच्चाई पर बात करते तो काफी बेहतर होगा.
दरअसल, फिलिस्तीन वहीं चर्चा का दौर है जब बीते फिलिस्तीन के लोगों के प्रति समर्थन प्रदर्शित करने के लिए कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा (16 दिसंबर, 2024) को संसद में एक बैग लेकर पहुंचीं थी, जिस पर "फिलिस्तीन" लिखा हुआ था जिसने 1984 को खून से रंगा सिख दंगों को दर्शाया था. ये देख संसद में बैठे सभी हैरान रह गये थे. तभी से बैग पॉलिटिक्स चर्चा को लेकर प्रियंका गांधी को आज भी कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है. ये देख भाजपा ने उन्हें ताने मारने में जरा भी कसर नहीं छोड़ी थी.
सबसे दिलचस्प बात तो ये है कि भारतीय जनता पार्टी जिस कांग्रेस की सांसद प्रियंका गांधी को लेकर बैग पॉलिटिक्स का विरोध कर रही है, शायद उसे ये नहीं पता कि उसकी ही पार्टी की भुवनेश्वर से सांसद अपराजिता सारंगी ने प्रियंका गांधी को 1984 लिखा बैग गिफ्ट में दिया था. ऐसे में तो भाजपा के लिए एक कहावत है कि "खोदा पहाड़ निकली चुहियां" जैसे ही ये मामला विवादों के घेरे में आने लगा, जहां सांसद अपराजिता ने फौरन अपनी सफाई देते हुए कहा कि, 'जितनी भी ऐतिहासिक गलतियां कांग्रेस के द्वारा हुई हैं. उन्हें कांग्रेस के सामने रखना होगा. याद दिलाना होगा कि आप (कांग्रेस) संविधान विरोधी, अंबेडकर विरोधी रहे हैं. इसलिए हमने 1984 दंगों के बैग को सामने रखा है.