आईआईटी कानपुर के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत अजीत कुमार चतुर्वेदी को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) का नया कुलपति नियुक्त किया गया है. उनकी नियुक्ति की जानकारी डिप्टी सेक्रेटरी श्रेया भारद्वाज द्वारा जारी एक आधिकारिक पत्र के माध्यम से दी गई, जिसे शास्त्री भवन, नई दिल्ली से बीएचयू के रजिस्ट्रार को संबोधित किया गया है.
प्रो. चतुर्वेदी का बीएचयू से पुराना नाता भी रहा है। वर्ष 1994 से 1996 के बीच वे बीएचयू के इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर के तौर पर कार्य कर चुके हैं. ऐसे में यह नियुक्ति उनके लिए एक तरह से वापसी भी मानी जा रही है, जिसमें उन्हें पहले से अनुभव प्राप्त है.
प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी बीएचयू के 29वें कुलपति बनाए गए हैं. उनके आने से विश्वविद्यालय परिसर में लंबे समय से चल रहा कुलपति के इंतजार का सिलसिला खत्म हो गया है. जैसे ही जुलाई के अंतिम दिन उनकी नियुक्ति की घोषणा हुई, परिसर और विभिन्न विभागों में उनके नाम की चर्चा तेज हो गई है.
प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के नए कुलपति नियुक्त किए गए हैं. वे एक अनुभवी शिक्षा प्रशासक हैं और पूर्व में आईआईटी रुड़की के निदेशक रह चुके हैं. इसके अलावा, उन्होंने आईआईटी कानपुर में डीन (आर एंड डी) और उप निदेशक जैसे अहम पदों पर भी काम किया है. उन्होंने वेवफॉर्म शेपिंग, सीक्वेंस डिजाइन और MIMO सिस्टम जैसे तकनीकी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. हाल ही में उन्हें आईआईटी मंडी के कार्यवाहक निदेशक का अतिरिक्त दायित्व भी सौंपा गया था, जिस पर उन्होंने जनवरी 2022 तक कार्य किया.
प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी की उपलब्धियाँ:
2008 में उन्हें सिंगापुर की नानयांग टेक्निकल यूनिवर्सिटी की टैन चिन तुआन फ़ेलोशिप से सम्मानित किया गया.
2017 में INSA शिक्षक पुरस्कार और 2007 में आईआईटी कानपुर विशिष्ट शिक्षक पुरस्कार प्राप्त हुआ.
तीन बार — 2002, 2006 और 2012 में — उन्हें बीटेक प्रोजेक्ट (BTP) के लिए सर्वश्रेष्ठ पर्यवेक्षक पुरस्कार मिला.
2009 में राष्ट्रीय संचार सम्मेलन में पूर्ण सत्र वक्ता रहे.
2002 में IEEE कंप्यूटर सोसाइटी इंटरनेशनल डिजाइन प्रतियोगिता के वर्ल्ड फाइनल में नवाचार के लिए माइक्रोसॉफ्ट पुरस्कार जीतने वाली टीम के मेंटर रहे.
उनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि:
पीएचडी (1995) – इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, आईआईटी कानपुर
एम.टेक (1988) – इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, आईआईटी कानपुर
बी.टेक (1986) – इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, आईआईटी कानपुर
प्रो. चतुर्वेदी का शैक्षणिक और प्रशासनिक अनुभव उन्हें बीएचयू में नेतृत्व के लिए एक उपयुक्त विकल्प बनाता है.